Sunday, 15 January 2017 07:14 AM
AP DESK
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के साथ ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गुड बुक में शामिल पूर्व मंत्री राजा महेंद्र अरिदमन सिंह का समाजवादी पार्टी से मोहभंग हो गया है। आज महेंद्र अरिदमन सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उनके भाजपा में शामिल होने से सत्तारुढ समाजवादी पार्टी को जोरदार झटका लगा है। सपा ने पूर्व कैबिनेट मंत्री को आगरा के बाह से अपना प्रत्याशी बनाया है।
करीब पंद्रह दिन पहले से पूर्व मंत्री राजा बाह महेंद्र अरिदमन सिंह के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा पर आज विराम लग गया। समाजवादी पार्टी ने महेंद्र अरिदमन सिंह को आगरा के बाह से अपना प्रत्याशी बनाया है। महेंद्र अरिदमन सिंह का नाम मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ ही शिवपाल सिंह यादव की भी सूची में शामिल है।
समाजवादी पार्टी को यह बड़ा झटका माना जा रहा है। महेंद्र अरिदमन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता हासिल कर ली। इससे पहले भी वह भारतीय जनता पार्टी से विधायक रह चुके हैं। उनके साथ ही समाजवादी पार्टी ने उनकी पत्नी पक्षालिका सिंह को भी अपना प्रत्याशी बनाया है। वह भी अपने पति के साथ भाजपा की सदस्य बन गई हैं।
भाजपा ने सपा को दिया बड़ा झटका
आगरा के बाह से विधायक अरिदमन सिंह और उनकी पत्नी पक्षालिका सिंह के समाजवादी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल होने से सत्ता पर काबिज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। आगरा में 2012 में समाजवादी पार्टी के अकेले अरिदमन ने ही जीत हासिल की थी। आगामी चुनाव के लिए मुलायम व अखिलेश, दोनों गुटों ने उनको प्रत्याशी बना रखा था। उनकी पत्नी पक्षालिका सिंह भी दोनों की सूचियों में खेरागढ़ से प्रत्याशी थीं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने दोनों को पार्टी के सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर आगरा के सांसद तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया भी साथ में थे।
महेंद्र अरिदमन के भाजपा में शामिल होने से टिकट पाने के दावेदारों में खलबली मच गई है। आगरा की बाह सीट पर राजा महेंद्र अरिदमन सिंह का ही कब्जा रहा है। वह सिर्फ 2007 का चुनाव हारे थे। इसके बाद 2012 में बाह से छठी बार विधायक बने। समाजवादी पार्टी से पहले राजा महेंद्र अरिदमन सिंह भारतीय जनता पार्टी व जनता दल से भी विधायक रह चुके हैं। आगरा में जन्मे राजा अरिदमन सिंह प्रदेश के बाहुबली नेताओं में गिने जाते रहे हैं। भदावर राज्य का राजा होने के नाते उनके प्रति जनता में अलग ही सम्मान है। बाह इलाके के लोग आज भी उन्हें महाराजा भदावर और राजा कहकर संबोधित करते हैं।