Thursday, 20 April 2017 10:40 AM
SHALINI KASHYAP
बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राजनीतिक हलचलें फिर तेज कर दी हैं.सत्ता के गलियारों में इस मामले पर फिर बहस तेज हो रही है.बीजेपी के तेवर बता रहे हैं कि वह इस मामले का पूरा राजनीतिक इस्तेमाल करेगी.जब लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राष्ट्रपति बनाए जाने की अटकलें चल रही थीं, तब सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने उन्हें आरोपी बना दिया. लेकिन बीजेपी नेताओं के चेहरे पर शिकन नहीं दिख रही. वे राम मंदिर के लिए कुछ भी करने को खुद को तैयार बता रहे हैं.
जल संसाधन मंत्री उमा भारती कहती हैं,"किसी भी हाल में अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए. इसे कोई रोक नहीं सकता.अयोध्या में जमीन को लेकर जो विवाद है उसे कोर्ट के बाहर भी सुलझाया जा सकता है.हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सामना करेंगे. मैं यह कहना चाहता हूं कि आपराधिक साजिश नहीं रची गई थी. जानबूझकर सीबीआई ने आपराधिक केस चलाने की पहल की. अगर राम मंदिर के निर्माण के लिए जेल जाना पड़ा तो जाएंगे."
छह दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद गिरी तो बीजेपी की चार राज्य सरकारें बर्खास्त की गईं. अदालत ने तब मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह को प्रतीकात्मक कैद की सजा भी सुनाई थी. बीजेपी-व्हीएचपी के बड़े नेताओं पर तब केस शुरू हुआ और बंद कर दिया गया. यह बात एक बड़े तबके को सालती रही है.
बुधवार को कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "हमारे प्रधानमंत्री हमेशा नैतिकता की बात करते हैं. लेकिन कभी-कभी वे ऐसे मामलों में नैतिकता भूल जाते हैं. हम उनके पूछना चाहते हैं कि उन्हें नैतिकता याद है या नहीं. यूपीए के कार्यकाल में जब ऐसे मुद्दे उठे हमारे मंत्रियों ने त्यागपत्र दिया था."
जबकि एआईएमआईएम के नेता और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मांग की कि गवर्नर कल्याण सिंह को कोई छूट नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, "सरकार कल्याण सिंह को हटाए गवर्नरशिप से. वे किसी संवैधानिक पद के पीछे क्यों छिपेंगे?"
यूपीए के समय इस मामले को सरकार की साजिश बताने वाले आडवाणी और उनके सहयोगी मुरली मनोहर जोशी इस बार खामोश हैं. पटना में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने आरोप लगाया, "बढ़िया से नार काट दिया है आडवाणी जी का. अब तो राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा भी कोई नहीं करेगा."
जाहिर है, इंसाफ की लड़ाई अपनी जगह है, सियासत का खेल अपनी जगह- बीजेपी दोनों को साधने में जुटी है. बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत कई नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को बीजेपी एक राजनीतिक अवसर में बदलना चाहती है. पार्टी जानती है कि अगले दो साल तक यह ट्रायल चलती रहेगा और इस पर देश में बहस चलती रहेगी...और राजनीतिक तौर पर यह मुकदमा गर्माता रहेगा.