Saturday, 13 May 2017 01: 05 PM
SHALINI KASHYAP
राज्य में विभिन्न कोटि के माध्यमिक स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति का प्रयास तीन साल से चल रहा है। पहले नियमावली बनाने में फाइल एक विभाग से दूसरे विभाग में आती-जाती रही। नियमावली बन गई तो नियुक्ति में कोई न कोई पेंच फंस रहा है।
ताजा मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने विज्ञापन रद करते हुए संशोधित विज्ञापन जारी करने का आदेश झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को दिया है। आयोग इससे पहले भी नियुक्ति प्रक्रिया रद करते हुए एक बार संशोधित विज्ञापन जारी कर चुका है।
झारखंड हाई कोर्ट ने इतिहास एवं नागरिक शास्त्र विषय में दोनों विषयों में स्नातक उत्तीर्ण होने की बाध्यता खत्म करते हुए संशोधित विज्ञापन जारी करने को कहा है, वहीं आयु सीमा में कट आफ डेट 1 जनवरी 2016 की बजाए 1 जनवरी 2017 करने को कहा है। इधर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिर से नियुक्ति प्रक्रिया शीघ्र शुरू होने पर संशय है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध अपील में भी जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अगस्त माह तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने पर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत अनुदान की अगली किश्त रोकने की चेतावनी दी है। दो साल लगा था नियमावली बनाने में राज्य सरकार को नियुक्ति नियमावली बनाने में ही दो साल लग गए थे। इसके बाद एक साल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने में लगा था।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 2014 में अपग्रेड हाई स्कूलों के शिक्षक नियुक्ति के लिए पृथक नियमावली का प्रस्ताव दिया था, जिस पर वित्त विभाग ने सभी कोटि के माध्यमिक स्कूलों के लिए कॉमन नियुक्ति नियमावली बनाने में बीत गया।
शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होते ही पेंच
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से अनुशंसा मिलने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने दिसंबर
2016 में ही 17,572 पदों पर नियुक्ति के लिए जैसे ही विज्ञापन निकाला, इसका विरोध होने लगा। इस कारण सरकार को नियुक्त प्रक्रिया 5 जनवरी को स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद तीन संयुक्त विषयों (गणित तथा भौतिकी, इतिहास तथा नागरिक शास्त्र, जीव विज्ञान तथा रसायन शास्त्र) में शिक्षक नियुक्ति के लिए दोनों विषयों में किसी एक में ही स्नातक में 45 फीसद अंक अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया। इससे पहले दोनों विषयों में इतना अंक लाना अनिवार्य किया गया था। साथ ही परीक्षा में निगेटिव मार्किंग के प्रावधान को हटाया गया। इसके बाद संशोधित विज्ञापन निकाला गया।