Thursday, 24 August 2017 11:10 AM
VIVEK KUMAR
नई दिल्ली: अमेरिका की तरफ से लगातार मिल रही धमकियों के बावजूद पाकिस्तान के हुक्मरानों और वहां की सेना के कान पर जूं नहीं रेंग रही। अफगान नीति की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने और उसके बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पाकिस्तान को सीधे तौर पर आतंकी गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी है।
लेकिन बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी प्रतिक्रिया में फिर से जम्मू-कश्मीर राग को अलापा गया है। वैसे भारत ने पाकिस्तान के इस रवैए को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में शांति बहाली नहीं होने के पीछे एक बड़ी वजह जम्मू-कश्मीर विवाद का बना रहना है।
पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से वह सबसे ज्यादा पीडि़म देश है। आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय लड़ाई में वह हमेशा सबसे आगे रहा है। आतंकियों को पनाह देने के आरोपों को भी पाकिस्तान ने सिरे से खारिज किया है।
बयान के कुछ ही घंटे बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री मैटिस ने पाकिस्तान को निशाने पर लेते हुए कहा कि आतंकी जहां भी होंगे हम उन्हें मारेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हम इस बार सिर्फ चेतावनी नहीं दे रहे।
भारत ने आधिकारिक तौर पर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है, लेकिन विदेश मंत्रालय के अधिकारी मानते हैं कि पाकिस्तान हताशा में कश्मीर का मुद्दा उठा रहा है।
अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है। वह दक्षिण एशिया में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला इकलौता देश है।
अब अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की तरफ से उसे इसका परिणाम भुगतने की धमकी मिल रही है, तो ध्यान भटकाने के लिए वह इस तरह का बयान दे रहा है।
ट्रंप की अफगान नीति से पाकिस्तान में कोहराम मचा हुआ है। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री एसके अब्बासी ने पूरे हालात पर विमर्श करने और नई नीति बनाने के लिए गुरुवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है।
दूसरी तरफ पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने अमेरिका के राजदूत डेविड हेल से मुलाकात की और उन्हें बताया कि पाकिस्तान, अमेरिका से कोई आर्थिक मदद नहीं पाना चाहता, बल्कि भरोसा चाहता है।
आर्मी चीफ बाजवा ने अमेरिका से यह आग्रह भी किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की तरफ से चलाई जा रही लड़ाई व उसकी कुर्बानियों को माने।