Wednesday, 24 June 2020 08:01 AM
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कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दक्षिण 24 परगना (South 24 Pargana) जिला स्थित एक ग्राम पंचायत में मंगलवार को टीएमसी समर्थक सदस्य ने लोगों से फी मांगी. ग्राम पंचायत सदस्य पर आरोप था कि उसने अम्फान तूफान (Cyclone Amphan) के बाद लोगों की मदद करने के लिए जारी की गई धनराशि में हेरफेर की. इसकी सजा के तौर पर टीएमसी नेता ने खुद उठक-बैठक लगाई.
यह मामला जिले के नंदकुमार इलाके का है. यहां स्थानीय लोगों का आरोप है कि मदद के नाम पर सिर्फ पंचायत सदस्य के करीबियों को ही मदद दी गई. आरोप है कि अम्फान के लिए जारी किये गये फंड्स में हेरफेर की गई. इस पूरे घटना की फुटेज टीवी चैनल्स पर चली, जिसमें ग्राम पंचायत सदस्य ने लोगों से माफी मांगी और फिर वहीं उठक बैठक की.
ग्राम पंचायत सदस्य ने स्थानीय लोगों से कहा- 'मैंने गलती की है. मुझे माफ कर दें. मैं ऐसा फिर से ऐसा नहीं करूंगा.' मौके पर पहुंचे बीडीओ ने लोगों को मनाने की कोशिश की और कहा कि जल्द ही असली लाभार्थियों तक मदद पहुंचाई जाएगी.
इस वाकये पर विपक्षी दल भाजपा ने आरोप लगाया कि चक्रवात के बाद प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री के वितरण में टीएमसी नेता भ्रष्टाचार कर रहे हैं. भाजपा नेता स्यांतन बसु ने कहा, 'ये इस बात का सबूत है कि TMC नेता किस तरह से करप्शन कर रहे हैं. राज्य सरकार के इस रवैये से लोग बहुत नाराज हैं.' टीएमसी ने इस घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
इससे पहले सरकार ने चक्रवात अम्फान राहत सामग्री और कोष के वितरण में कथित अनियमितताओं पर चार जिलों के पांच प्रखंड विकास पदाधिकारियों (बीडीओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि कोष की हेराफेरी में लिप्त पाए जाने पर पंचायतों के जन प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह धन उन लोगों को दिया जाना था जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे और उन किसानों के लिए था जिनकी चक्रवात में कृषि भूमि तबाह हो गई थी. उन्होंने कहा, 'दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, हुगली और हावड़ा जिलों में तैनात पांच बीडीओ के जवाब यदि संतोषजनक नहीं पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'
एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया, 'कई शिकायतें मिली हैं कि चक्रवात से प्रभावित लोगों को राज्य सरकार की घोषणाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है ... ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि कुछ लोग जो पंचायतों में जन प्रतिनिधियों के करीबी हैं या उनसे संबंधित हैं, उन्हें घर के पुनर्निर्माण के लिए धन मिला जबकि उनके घर क्षतिग्रस्त नहीं हुए और न ही उनके पास कोई कृषि भूमि है.'
आईएएस अधिकारी ने कहा,' चूंकि बीडीओ और पंचायतों के प्रतिनिधियों (मुख्य रूप से जनप्रतिनिधियों) द्वारा गठित समितियों के सुझावों पर प्रभावित लोगों की सूची तैयार की गई थी, इसलिए उन्हें इन गलतियों की जिम्मेदारी भी उठानी होगी.' गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चक्रवात अम्फान प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता देने के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की थी.