Tuesday, 13 October 2020 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
कोलकाता। गलत मेडिकल रिपोर्ट देने वाले पैथोलाजिकल लैब की अब खैर नहीं है! वेस्ट बंगाल क्लिनिकल एस्टैब्लिस्मेंट रेगुलेटरी कमीशन (स्वास्थ्य आयोग) ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी पैथोलॉजिकल लैब की तरफ से दी गई गलत मेडिकल रिपोर्ट की वजह से अगर किसी मरीज को शारीरिक तौर पर कोई क्षति पहुंचती है अथवा उसकी मौत हो जाती है तो उस लैब को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी और भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।
गौरतलब है कि बंगाल में पिछले कुछ वर्षों में गलत मेडिकल रिपोर्ट की वजह से कई लोगों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य आयोग के पास ऐसी कई शिकायतें दर्ज हुई हैं। स्वास्थ्य आयोग ने अपने निर्देश में पैथालाजिस्टों से कहा है कि प्रत्येक मेडिकल रिपोर्ट की अच्छी तरह से जांच करने के बाद ही उसे जारी करें और उन्हें उस पर सीधे तौर पर हस्ताक्षर भी करने होंगे।
स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन एवं कलकत्ता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश असीम कुमार बंद्योपाध्याय ने कहा-'हमारा मानना है कि किसी भी मेडिकल टेस्ट की गलत रिपोर्ट देने वाले डायग्नास्टिक सेंटर को मरीज द्वारा उस टेस्ट में खर्च किए गए रुपये लौटाने होंगे एवं उसके बाद फिर से उस मरीज के निःशुल्क टेस्ट की व्यवस्था करनी होगी। अगर उस मरीज ने कहीं और से अपना मेडिकल टेस्ट करा लिया है तो उसका भी खर्च देना होगा।'
उन्होंने आगे कहा-'किसी भी मेडिकल टेस्ट में दो तरह की गलती हो सकती है। पहली, टाइपोग्राफिकल और दूसरी, मेडिकल टेस्ट में ही चूक। गलत मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर किसी का इलाज शुरू होने पर उसे शारीरिक क्षति पहुंच सकती है।'