Tuesday, 13 October 2020 00:00
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लखनऊ। पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के प्रति उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पहले से ही सतर्क हो गई है। किसी गांव में पराली जलती है तो संबंधित किसान के साथ ही वहां के प्रधान की भी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी। गांवों में पोस्टर, बैनर और लाउडस्पीकर के माध्यम से पराली न जलाए जाने के प्रति लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
लोकभवन स्थित कार्यालय से सोमवार को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थान पर पराली जलाने की घटना कतई न होने दी जाए। खेतों में फसलों के कटने के बाद पराली को मौके पर ही निस्तारित कराने के लिए आवश्यक व्यस्था कराएं। समय से पराली गोवंश संरक्षण केंद्रों पर पहुंच जानी चाहिए। लापरवाही करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
पराली न जलाए जाने के प्रति लोगों को करें जागरूक : मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी स्थानों और विशेष रूप से गांव स्तर पर पोस्टर, बैनर और लाउडस्पीकर के माध्यम से पराली न जलाए जाने के प्रति लोगों को जागरूक करें। उन्हें उसके दुष्प्रभावों की भी जानकारी दें। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पराली के निस्तारण के लिए हर जिले में उपयुक्त कृषि यंत्र की व्यवस्था कराएं। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कूड़ा, पॉलीथिन आदि भी न जलाने दें।
वेबसाइट पर भी डालें स्वच्छता अभियान की फोटो : मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 10 से 16 अक्टूबर तक स्वच्छता अभियान चल रहा है। सभी अस्पतालों और सरकारी भवनों की साफ-सफाई कराई जाए। अभियान की फोटो नोडल विभाग द्वारा अपनी वेबसाइट पर जरूर डाली जाए। इसके अलावा तहसील और थाना दिवस का समय से आयोजन कराते हुए वरासत से संबंधित समस्याओं व शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण होना चाहिए। महिला सशक्तिकरण के लिए भी संबंधित विभाग वृहद कार्ययोजना बनाकर अविलंब प्रस्तुत करें।