Sunday, 15 November 2020 10:10 AM
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भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के राजदूत को समन कर त्योहार के मौक़े पर पाकिस्तान की तरफ़ से सीमा पर गोलीबारी के लिए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि शनिवार को मंत्रालय ने पाकिस्तानी राजदूत को बुलाया गया और पाकिस्तानी बलों द्वारा निर्दोष नागरिकों का जानबूझकर निशाना बनाने की कड़े शब्दों में निंदा की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास भारतीय नागरिकों पर हमले के लिए हाई कैलिबर हथियारों का इस्तेमाल कर सुनियोजित तरीके से भारत की शांति बिगाड़ने और जम्मू और कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा देने के लिए त्योहार के दिन का मौक़ा चुना.
भारत ने ये भी कहा कि पाकिस्तान सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देना जारी रख रहा है और पाकिस्तानी सेना घुसपैठियों को कवर फाय़र देकर उनकी मदद कर रही है, ये निंदनीय है. बयान के अनुसार भारत ने पाकिस्तान को एक बार फिर याद दिलाया है कि द्विपक्षीय समझौते के अनुसार भारत में चरपमंथ फैलाने के लिए पाकिस्तान को अपने कब्ज़े वाले इलाक़े का इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए. इससे पहले 13 नवंबर को भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास गुरेज़ और उरी समेत कई सेक्टरों में संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए गोलीबारी करने का आरोप लगाया था. श्रीनगर में भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के बयान के अनुसार पाकिस्तान ने हमले के लिए मोर्टार और अन्य हथियारों का इस्तेमाल किया.
इस गोलीबारी में चार आम नागरिकों की मौत हो गई थी जबकि 19 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. हालांकि पाकिस्तान ने भारत के आरोप का खंडन किया था.
स्टेट डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (मुज़फ़्फ़राबाद) ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय सेना ने शुक्रवार को नीलम और झेलम वैली ज़िलों में संघर्षविराम का उल्लंघन किया. बयान के मुताबिक़ भारतीय पक्ष की ओर से हुई गोलीबारी में चार पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई और 23 सैनिक घायल हुए थे.
इसके बाद शनिवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी और पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ़्तिख़ार ने भारत पर पाकिस्तान में 'अस्थिरता पैदा करने' के आरोप लगाए. एक डोज़ियर के आधार पर उन्होंने कहा कि 'उनके पास इस बात के 'सबूत' हैं कि पाकिस्तान में होने वाली 'आतंकी घटनाओं' में भारत और उसकी ख़ुफ़िया एजेंसियां शामिल हैं.'
इसके बाद देर रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी एक के बाद एक ट्वीट करते हुए इन्हीं आरोपों को दोहराया और अंतरराष्ट्रीय समुदायों से इस संबंध में भारत पर दबाव बनाने की पेशकश की थी. पाकिस्तान ऐसे आरोप पहले भी लगा चुका है और भारत इन आरोपों को ख़ारिज करता रहा है.