लालू परिवार में संगीन टूट—रोहिणी की नाराज़गी के बाद तीन और बेटियाँ हुईं घर से अलग

बिहार की सियासत में सबसे मज़बूत और प्रभावशाली माने जाने वाले लालू प्रसाद यादव के परिवार में इन दिनों ऐसा भूचाल आया है, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह विवाद और भी ज्यादा गहरा गया है। आरजेडी को मिली अप्रत्याशित हार ने न सिर्फ महागठबंधन की सत्ता वापसी को रोका, बल्कि लालू परिवार के भीतर गहराए मतभेदों को भी सतह पर ला दिया है।

🟥 रोहिणी आचार्य का विद्रोह—परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान

सबसे पहले इस विवाद की शुरुआत हुई लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य से, जिन्होंने तेजस्वी यादव और उनके नज़दीकी सहयोगियों के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप लगाए।
रोहिणी वही बेटी हैं जिन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान करके उनकी जान बचाई थी। लेकिन उन्होंने दावा किया कि—

  • चुनावी हार को लेकर सवाल पूछने पर
  • तेजस्वी यादव और उनके सलाहकारों ने
  • उनके साथ बेहद अभद्र व्यवहार किया
  • यहाँ तक कि चप्पल से मारने की धमकी दी गई

इन आरोपों के बाद रोहिणी इतनी आहत हुईं कि उन्होंने:

  1. ✔ पार्टी की राजनीति से दूरी बना ली
    ✔ परिवार से भी पूरा रिश्ता तोड़ने की घोषणा कर दी
    ✔ पहले दिल्ली और उसके बाद सिंगापुर चली गईं
    ✔ और अब सोशल मीडिया से ही अपनी बात रख रही हैं

उनके इस कदम ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया।

🟥 तीन और बहनों का राबड़ी आवास छोड़ना—परिवार में बढ़ी दरार

रोहिणी के घर छोड़ने और आरोप लगाने के तुरंत बाद लालू यादव की तीन अन्य बेटियाँ—

  1. चंदा यादव
  2. राजलक्ष्मी यादव
  3. रागिनी यादव

ने भी राबड़ी आवास छोड़ दिया
ये सभी अपने परिवार और बच्चों के साथ पटना से दिल्ली रवाना हो गईं।

इतनी बड़ी संख्या में एक साथ बहनों का घर छोड़ना इस बात का संकेत है कि परिवार में तनाव बेहद गहरा हो चुका है। इस तरह की स्थिति लालू परिवार के इतिहास में शायद पहली बार देखने को मिल रही है।

🟥 चुनावी हार का पारिवारिक असर—क्यों फूटा ज्वालामुखी?

आरजेडी के भीतर चुनावी नतीजों को लेकर भारी नाराज़गी है।

  • राबड़ी आवास में जीत के जश्न की तैयारी थी

  • बहनें भी चुनाव के दौरान और नतीजों से पहले वहीं थीं

  • लेकिन नतीजों ने हर उम्मीद पर पानी फेर दिया

परिवार के भीतर पहले से मौजूद मतभेद चुनावी हार के बाद ऐसे फूट पड़े, जैसे दबा हुआ ज्वालामुखी अचानक बाहर आ गया हो।

कहा जा रहा है कि—

  • परिवार में राजनीतिक हिस्सेदारी
  • निर्णय लेने की प्रक्रिया
  • और तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर
    कई बहनों के मन में नाराज़गी बढ़ रही थी।

हार ने इन सबको सामने ला दिया।

🟥 क्या यह लालू परिवार के लिए सबसे बड़ा संकट है?

लालू प्रसाद यादव का परिवार बिहार की राजनीति में हमेशा एकजुटता का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन वर्तमान स्थिति ने यह छवि हिला दी है।
परिवार का बड़ा हिस्सा राजनीतिक और घरेलू तौर पर अलग-अलग दिशाओं में जाता दिखाई दे रहा है।

  • रोहिणी का घर छोड़ना
  • तीन और बहनों का पटना से हटना
  • तेजस्वी पर गंभीर आरोप
  • सलाहकारों की बढ़ती दखलअंदाज़ी

ये सब मिलकर बता रहे हैं कि लालू परिवार में इस समय गहरी खाई बन गई है।