Sunday, 15 January 2017 04:07AM
AP DESK
नोएडा । समाजवादी पाटी में चल रहे महासंग्राम के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक प्रधान ने भाजपा का दामन थाम लिया है। जनसंघ से जुड़े प्रधान का भाजपा से गहरा नाता रहा है। वह भाजपा से चार बार सांसद रह चुके हैं। वाजपेेयी सरकार में प्रधान दो बार केंद्रीय मंत्री भी बने।
पश्चिमी उत्तर प्रदशे में मजबूत हुई भाजपा
अशोक प्रधान की भाजपा में वापसी का फैसला काफी अहम माना जा रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव के मौके पर सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने से इसका चुनावी परिणामों पर असर पड़ना लाजमी है। माना जा रहा है कि अशोक प्रधान की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।
Delhi: SP leader Ashok Pradhan joins BJP at the party HQ. pic.twitter.com/XR4RghMnzG
नोएडा-खुर्जा संसदीय सीट से प्रधान चार बार सांसद रह चुके हैं। इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा में शामिल होनेे से यहांं पार्टी मजबूत होगी। दलित होने के नाते इस तबके के मतदाताओं पर इसका असर भी पड़ेगा।सूबे में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है अब ऐसे में प्रधान का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए शुभ सकेंत माना जा सकता है।
माना जाता है कि वाजपेयी कार्यकाल तक उनका पार्टी के अंदर काफी दबदबा था। लेकिन इसके बाद उनकी संगठन से अनबन हो गई थी। इसके बाद वह सपा में शामिल हो गए, लेकिन सपा कुनबे में चल रहे संघर्ष के बाद उनका इस पार्टी से मोहभंग हो गया।
1996 में पहली बार सांसद बने
1996 में अशोक प्रधान पहली बार नोएडा-खुर्जा संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1998 के लोकसभा चुनाव में वह रिकार्ड मतोंं से जीते। उनकी इस कामयाबी के बाद उन्हें वाजपेयी सरकार में शामिल किया गया। वह लगातार 11वीं, 12वींं,13वींं एवं 14वीं लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर उन नेताओं की श्रेणी में शामिल हो गए जिन्होंने जीत की हैर्ट्रिक बनाई। पश्चिमी उत्तर प्रदेश वह भाजपा के सशक्त नेता के रूप में उभरे।