Friday, 16 March 2018 03:55 PM
admin
नई दिल्ली: देश कीसर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अपने ताजा फैसले में आधार लिंकिंग की डेडलाइन को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया है। इससे पहले यह डेडलाइन 31 मार्च 2018 निर्धारित थी। ऐसे में आधार लिंकिंग को लेकर आपके मन में काफी सारे सवाल आ रहे होंगे। हम अपनी इस खबर में आपके उन्हीं सवालों के जवाब देने जा रहे हैं।
क्या है नई डेडलाइन?
यह सवाल सबसे अहम है जिसके जवाब की तलाश हर किसी को है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लोगों ने यह मतलब निकाल लिया है कि अब आधार को लिंक कभी भी नहीं कराना पड़ेगा, जबकि ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ डेडलाइन को अनिश्चित काल के लिए बढ़ाया है ऐसा करने से मना नहीं किया है। नई डेडलाइन की घोषणा जल्द की जाएगी। दरअसल आधार की संवैधानिक वैधता के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला किया है।
तो क्या मुझे बैंक खाते से आधार लिंक करवाने की जरूरत नहीं है?
नहीं, आपको अब भी अपने आधार को बैंक अकाउंट से लिंक कराना होगा। वहीं आपको नया खाता खुलवाने के लिए भी आधार नंबर या फिर उसकी एनरोल्टमेंट आईडी देनी होगी। वहीं अन्य वित्तीय सेवाओं का लाभ लेने के लिए भी आपको आधार उपलब्ध करवाना होगा हालांकि इसके लिए कोई डेडलाइन फिलहाल तय नहीं है।
आधार से क्या क्या लिंक करवाना जरूरी?
सरकार ने तमाम वित्तीय सेवाओं से आधार को लिंक करवाना अनिवार्य कर दिया है जिसमें बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस पॉलिसी, स्माल सेविंग स्कीम और पब्लिक प्रोविडंट फंड (पीपीएफ) शामिल है। इसके अलावा पैन कार्ड और मोबाइल फोन कनेक्शन के साथ भी आधार को लिंक करवाना जरूरी है।
अगर मैने आधार को लिंक नहीं कराया तो क्या होगा?
फिलहाल के लिए ऐसा करना जरूरी नहीं है, लेकिन अगर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला ले लिया कि आपको अपने आधार को लिंक करवाना जरूरी है तो आपको ऐसा करना होगा। लेकिन अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। मसलन अगर आपने अपना बैंक खाता आधार से लिंक नहीं कराया तो आपके खाते को बंद भी किया जा सकता है, हालांकि यह आधार उपलब्ध करवाए जाने के बाद फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
क्या मैं आधार को डी-लिंक कर सकता हूं?
अगर आपने अपना आधार तमाम वित्तीय सेवाओं से लिंक करा दिया है और अब आप उसे डीलिंक करवाना चाहते हैं तो आप ऐसा नहीं कर सकते हैं। हालांकि आधार की अनिवार्यता के संबंध में फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
अगर मैने आधार लिंक नहीं कराया तो क्या मुझे नुकसान होगा?
नहीं, वित्तीय एवं टेलिकॉम सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी। आपका खाता और मोबाइल कनेक्शन बंद नहीं किया जाएगा। हालांकि यूआईडीएआई ने विशेष तौर पर कहा है कि अस्पताल, चिकित्सा मदद, स्कूल में एडमिशन और पीडीएस के जरिए राशन जैसे सुविधाओं को बिना आधार के मना नहीं किया जा सकता है।
अगर मैं सरकारी योजनाओं में अपना आधार न दूं तो क्या होगा?
अगर सरकारी सुविधाओं के लिए आप अपना आधार उपलब्ध नहीं करवाते हैं तो डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी जिसके तहत सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंचाई जाती है और सरकारी स्कालरशिप जैसी योजनाओं का फायदा आपको नहीं दिया जाएगा।
मुझे बैंक की ओर से आधार लिंक कराने के मैसेज आ रहे हैं, ऐसे में जब इसकी डेडलाइन बढ़ गई है, तब भी क्यामुझे इसे लिंक कराना चाहिए?
जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार के मामले में अपना अंतिम निर्णय नहीं दिया है। ऐसे में अगर लिंकिंग सेवाएं (मोबाइल, बैंक अकाउंट और पैन के लिए) उपलब्ध हैं तो यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है कि आप उसे लिंक करवाना चाहते हैं या नहीं।
क्या निजी कंपनियां आधार की मांग कर सकती हैं?
यूआईडीएआई ने तमाम सेवा प्रदाताओं (निजी कंपनियों समेत) को ऑथेंटिकेशन सर्विस उपलब्ध करवाई है, जिसके तहत व्यक्तिगत लोगों की केवाईसी के माध्यम से पहचान की जा सकती है और उनका वेरिफिकेशन किया जा सकता है। जो भी इस सेवा का लाभ ले रहा है वो यूआईडीएआई के अंतर्गत ऑथेंटिकेशन यूजर एजेंसी या फिर केवाईसी यूजर एजेंसी के रुप में रजिस्टर्ड है। इस तरह की जो भी कंपनियां एक्टिव हैं उनकी जानकारी यूआईडीएआई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अगर कोई प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर मेरा आधार नंबर मांगे तो मैं क्या करूं?
मौजूदा परिस्थिति में कोई भी निजी सेवा प्रदाता आपसे आपका आधार नहीं मांग सकता है। हां यह उस सूरत में जरूर मांगा जा सकता है जब आप किसी होटल में ठहरे हों और होटल वाला पते के प्रमाण पत्र के तौर पर किसी सरकारी दस्तावेज को ही मान्य करता हो। वहीं अगर कोई निजी सेवा प्रदाता बिना आधार के आपको सेवाएं देने से मना कर देता है तो आप उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं।