Saturday, 17 March 2018 12:05 AM
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नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, आईएआरआई पूसा परिसर में लगे 'कृषि उन्नति मेला' में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जब लक्ष्य निर्धारित हो तो कुछ भी काम मुश्किल नहीं है। मेरी किसानों से अपील है कि वे पराली न जलाएं। इससे धरती मां का नुकसान होता है। तीन दिन चलने वाला कृषि मेला शुक्रवार को शुरू हुआ। इसकी थीम 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है। मोदी इस दौरान 'कृषि कर्मण' और 'पंडित दीन दयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन' पुरस्कार भी बांटेंगे।
किसानों ने जरूरत के वक्त अनाज पैदा किया
मोदी ने कहा, ''हमें याद रखना चाहिए कि आजादी के बाद जब देश को जरूरत थी तो किसानों ने बेहतर अनाज उत्पादन किया। आज भी रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है।''
देश में आज किसानों के सामने चुनौतियां है, लेकिन हम उनकी आय दोगुनी करने की ओर बढ़ रहे हैं। किसानों का जीवन सरल करने की कोशिश कर रहे हैं। यूरिया की नीम कोटिंग से अनाज उत्पादन बढ़ा है। फसल बीमा के जरिए प्रति किसान मिलने वाली राशि दोगुना से ज्यादा हो गई है।
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत बढ़ाया जा रहा है। 180 करोड़ रुपए के फंड से सिंचाई व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है। हम टीओपी (टोमैटो-ओनियन-पोटैटो) उगाने के लिए किसानों को मदद दी जा रही है। बजट में किसानों को फसल की बेहतर कीमत दिलाने की बात कही गई है।
कुछ लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं
मैं आज किसानों को बताना चाहता हूं कि आज कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं। किसानों को गुमराह कर रहे हैं। इसीलिए बता रहा हूं कि किसानों के लिए एलान की गई डेढ़ गुना एमएसपी में उनकी और मजदूरों की मेहनत भी शामिल है।
सरकार की कोशिश है कि किसानों को अपनी सफल बेचने के लिए दूर-दूर ना जाना पड़े। इस बजट में गांवों के हाट को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रावधान है। किसान इन हाटों में भी फसल को सीधे बेंच सकता है। किसान अपने छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी छोटे हाटों और अनाज मंडियों से जुड़ सकते हैं।''
हम आर्गेनिक फॉर्मिंग की मार्केटिंग में पीछे रह गए
हम ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के दौर में इसकी मार्केटिंग में पीछे रह गए हैं। खास तौर पर नॉर्थ-ईस्ट को ऑर्गेनिक खेती के लिए विकसित किया जा रहा है। आज हमें ब्लू रेवोल्यूशन, व्हाइट रेवोल्यूशन समेत अन्य क्षेत्रों को भी बढ़ाना होगा।
आज सरकार ने देश में नए 25 कृषि विज्ञान केंद्र शुरू किए हैं। पुराने केंद्रों को भी मॉडर्न बनाया जा रहा है।
मधुमक्खी पालन कृषि का अहम हिस्सा हो सकता है। महान वैज्ञानिक आइंसटीन ने कहा कि अगर धरती से मधुमक्खियां खत्म हो गईं तो दुनिया नहीं रहेगी। खेती के साथ मधुमक्खी पालकर किसान दो से ढाई लाख की अतिरिक्त आय बढ़ा सकते हैं। मक्खियां फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करती हैं।
किसान खेत में सोलर पैनल लगाएं
किसान खेतों की मेढ़ों पर सोलर पैनल लगाकर अपने पंप चलाने के लिए बिजली पैदा कर सकते हैं। अगर जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा हो तो इसे सरकार को भी बेच सकते हैं। इससे भी आय बढ़ेगी।
बॉयो वेस्ट के सही इस्तेमाल के लिए सरकार ने गोबरधन योजना शुरू की है। किसान बॉयोगैस प्लांट बनवाएं और इससे ईंधन का उत्पादन करें। देश में आज एक गलत परंपरा शुरू हो गई है, पराली जलाने की। साथियों हम धरती मां को परेशान कर रहे हैं। जब हम इसे जलाते हैं तो वो धरती की पैदावर क्षमता खत्म होने लगती है। अगर हम पराली को खेत में मिले दें तो धरती की पैदावर क्षमता बढ़ेगी। किसान भाइयों से अपील करता हूं कि वो पराली जलाकर धरती मां को नुकसान नहीं करें।
चीटियां भी खेती करती हैं
इस कृषि उन्नति मेला में आज किसान भाइयों ने जो नई टेक्नोलॉजी देखी है, उसे खेती में अपनाने की कोशिश करें। मैं चाहता हूं कि ऐसे मेलों को देश के दूर-दराज के इलाकों में भी कराना चाहिए। साथ ही इस बात की भी स्टडी करानी चाहिए कि किसानों पर इस मेले का कितना असर हुआ। उन्हें क्या फायदा मिला। क्या नई टेक्नोलॉजी देखने को मिली। कैसे उनका जीवन इससे सरल होगा।
दोस्तों मैंने पढ़ा है कि इंसान के अलावा चीटियां भी खेती करती हैं। दुनिया के कुछ जंगलों में वो खेत बनाती हैं, पानी की व्यवस्था करती हैं। फंगस और एंटीबायोटिक पैदा करती हैं। सालों से इसी काम में लगी हुई हैं।
क्या है कृषि मेला का उद्देश्य?
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, प्रधानमंत्री जैविक कृषि के लिए एक पोर्टल की शुरुआत करेंगे। साथ ही 25 कृषि विज्ञान केन्द्रों की आधारशिला भी रखेंगे।सरकार कृषि मेला के जरिए किसानों में खेती की नई टेक्नोलॉजी के प्रति जागरुकता बढ़ा रही है। यहां टेक्नोलॉजी और सरकार की कोशिशों को दिखाने के लिए 800 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए हैं।