Wednesday, 18 November 2020 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
फतेहपुर : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के एक गांव के तालाब से मिले दो दलित बच्चियों के शवों के मामले में परिजनों का आरोप है कि उनकी बलात्कार के बाद हत्या की गयी है. हालांकि, पुलिस इसे हादसा बता रही है. फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने शवों के पोस्टमॉर्टम से पहले पुलिस की सोशल मीडिया अकाउंट से दो बयान जारी किये हैं.
पहले बयान में एसपी प्रशांत वर्मा ने कहा है, ''दोनों सगी नाबालिग बहनें तालाब से सिंघाड़ा निकालने गयी थीं, जहां गहरे पानी में डूबने से उनकी मृत्यु हुई है.'' वहीं, दूसरे बयान में उन्होंने कहा है, ''सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचना फैलायी जा रही है कि बच्चियों के हाथ-पैर बंधे थे और आंखें फोड़ी गयी हैं, यह सच नहीं है. ना उनके हाथ-पैर बंधे थे और ना हीं आंखें फोड़ी गयी है. पहली नजर में यह पानी में डूबने से हुई मौत का मामला लगता है. मौत का कारण जानने के लिए शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है.''
दोनों नाबालिग बच्चियों की मां ने सोमवार और मंगलवार को मीडिया को बताया, ''शवों को बच्चियों के चाचा लक्ष्मीकांत और तीन-चार अन्य युवकों ने मिलकर बाहर निकाला था. उनके हाथ-पैर सिंघाड़े की जड़ों से बंधे थे और किसी धारदार हथियार से उनकी आंखें फोड़ने से खून बह रहा था.'' उनका कहना है, ''शवों को घर लाने के बाद पुलिस आयी और बिना पंचनामा भरे जबरन उन्हें पोस्टमॉर्टम के लिए ले गयी.''
बच्चियों के चाचा लक्ष्मीकांत का आरोप है, ''रात में जब मैं फोन पर घटना की जानकारी जिलाधिकारी को दे रहा था, तभी पुलिसकर्मियों ने मुझे धमकाया और इस संबंध में किसी से कुछ नहीं बताने को कहा. उन्होंने जबरन मुझसे यह भी लिखवाया कि बच्चियों की मौत पानी में डूबने से हुई है.'' उन्होंने आरोप लगाया है, ''शवों को निकालने में मदद करनेवाले युवकों को भी पुलिस ने रात भर हिरासत में रखा.'' हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है.
लक्ष्मीकांत ने आरोप लगाया है कि ''पुलिस अपराधियों को बचा रही है और बलात्कार के बाद बच्चियों की हत्या की गयी है.'' वहीं, स्थानीय असोथर थाने के प्रभारी निरीक्षक रणजीत बहादुर सिंह ने बताया, ''जिस तालाब से बच्चियों के शव बरामद हुए हैं, उसकी गहराई आठ से दस फीट है.'' उन्होंने बच्चियों के चाचा या अन्य किसी को हिरासत में लिये जाने के आरोपों को खारिज किया है.
परिजनों ने सोशल मीडिया पर उस तालाब का वीडियो डाला है, जिससे बच्चियों के शव बरामद हुए हैं. वीडियो में दिख रहा तालाब बमुश्किल डेढ़ से दो फीट गहरा पानी और कुछ सिंघाड़े के पौधे दिखाई दे रहे हैं. गौरतलब है कि असोथर थाना क्षेत्र के एक गांव में सोमवार देर रात जंगल में स्थित एक तालाब से आठ और 12 साल की दो दलित बच्चियों के शव संदिग्धावस्था में पानी में तैरते हुए बरामद हुए थे. दोनों बच्चियां सोमवार दोपहर खेतों में चने का साग तोड़ने गयी थीं.