Tuesday, 23 February 2021 00:00
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उन्होंने कहा कि इस्तीफे पर फैसला करना अब उपराज्यपाल के विवेक पर है। हालांकि उन्होंने अपनी आगे की रणनीति पर कोई जवाब नहीं दिया। नारायणसामी ने विधानसभाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि उन्होंने विश्वास प्रस्ताव को मतविभाजन के लिए क्यों नहीं रखा।
पुडुचेरी। विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के इस्तीफे के कारण सोमव़ार को पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिर गई। हाल ही में कई कांग्रेस विधायकों और बाहर से समर्थन दे रहे द्रमुक के एक विधायक के इस्तीफे के कारण केन्द्रशासित प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ गई थी। नारायणसामी ने उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन से भेंट कर चार सदस्यीय मंत्रिमंडल का इस्तीफा उन्हें सौंपा। सदन में फिलहाल सरकार के पास 11 और विपक्ष के पास 14 का संख्या बल है। प्रदेश में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। पुडुचेरी की सरकार गिर जाने के बाद तीन राज्य - पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ ही बच गए हैं जहां कांग्रेस की अपने दम पर सरकार है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायणसामी ने कहा कि उनके द्वारा पेश किए गए विश्वास मत प्रस्ताव को विधानसभाध्यक्ष वी पी शिवकोलुंधु ने मत विभाजन के लिए नहीं रखा और विधानसभाध्यक्ष की यह टिप्पणी ‘‘गलत और अमान्य’’ है कि विश्वास प्रस्ताव नामंजूर हो गया। उन्होंने कहा कि इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों से राय ली जाएगी। उन्होंने मनोनीत सदस्यों के मताधिकार मुद्दे से जुड़े घटनाक्रम को ‘‘ लोकतंत्र की हत्या बताया। मनोनीत सदस्य भाजपा के साथ हैं। कांग्रेस की सहयोगी पार्टी द्रमुक के प्रमुख एम के स्टालिन ने भी सरकार के पतन के लिए विपक्ष पर निशाना साधा और लोकतंत्र को कायम रखने के लिए नारायणसामी की सराहना की। एनआर कांग्रेस प्रमुख और विपक्ष के नेता एन रंगासामी ने कहा कि उनका सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने का कोई इरादा नहीं है और आगे चर्चा की जाएगी। सौंदर्यराजन ने सोमवार को एक दिन का विशेष सत्र बुलाया था और उसका एजेंडा विश्वासमत था।