Friday, 16 April 2021 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
पिछले 15 दिनों में कोरोना से लखनऊ में होने वाली यह 199वीं मौत है। अब तक कुल मौतों का आंकड़ा 1410 पहुंच चुका है। वृहस्पतिवार को कुल 973 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है।
लखनऊ। कोरोना संक्रमण लगातार अपना भयावह रुख अख्तियार करता जा रहा है। बीते चौबीस घंटे में लोहिया संस्थान के दस व लोकबंधु अस्पताल के 20 डाक्टर स्टाफ समेत कुल 183 लोग लखनऊ में संंक्रमित हो गए हैं। वहीं वायरस ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। पूर्व मंत्री भगवती सिंह के पुत्र राकेश कुमार सिंह का भी निधन हो गया। राकेश 67 वर्ष के थे और कोरोना वायरस से पीड़ित थे। लखनऊ में अब तक कुल मौतों का आंकड़ा 1410 पहुंच चुका है। वृहस्पतिवार को कुल 973 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। अब तक कुल 90 हजार मरीज एक वर्ष के दौरान स्वस्थ हो चुके हैं। बावजूद अभी 35 हजार 865 सक्रिय मरीज हैं। सिविल अस्पताल में कई कोविड पॉजिटिव मरीज अभी तक दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट नहीं कराए गए। इनमें से दो तीन की मौत भी हो चुकी है। लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शासन ने अब केजीएमयू व बलरामपुर को पूरी क्षमता का कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है।
पूर्व मंत्री भगवती सिंह के निधन के 12वें दिन उनके पुत्र राकेश कुमार सिंह का भी निधन हो गया। राकेश 67 वर्ष के थे और कोरोना वायरस से पीड़ित थे। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। रिवर बैंक कॉलोनी स्थित आवास पर उनका निधन हुआ है। उनके छोटे भाई हृदेश कुमार सिंह भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और ऑक्सीजन चल रहा है। कुछ दिन पहले भगवती सिंह का निधन हो गया था। उनका शव केजीएमयू को दान किया गया था, जहां जांच में कोविड निकला था।
विभिन्न अस्पतालों में डाक्टरों व स्टाफ के लगातार संक्रमित होने से मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है। केजीएमयू में अब तक करीब 300, लोहिया संस्थान में 30, पीजीआइ में 100, लोकबंधु में 40, अवंतीबाई में 70, सिविल अस्पताल में 70 व बलरामपुर में 80 स्टाफ समेत पांच से छह सौ डाक्टर व स्टाफ संक्रमित हो चुके हैं। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमराती जा रही है। बावजूद ओपीडी को बंद नहीं किया जा रहा। जबकि ओपीडी में भी संक्रमित व संदिग्ध घूम रहे हैं, जिनके जरिए अन्य में संक्रमण फैल रहा है।
केजीएमयू व बलरामपुर बनेंगे पूरी क्षमता के कोविड अस्पताल: प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कालेज व सबसे बड़े जिला अस्पताल को अब पूरी तरह से कोविड अस्पताल बनाए जाने का शासन की ओर से एलान कर दिया गया है। रोजाना पांच से छह हजार संक्रमित आने से स्थिति बेकाबू हो चुकी है। बलरामपुर कुल 770 बेड क्षमता का अस्पताल है। फिलहाल यहां कोरोना मरीजों के लिए 300 बेड हैं। वहीं केजीएमयू कुल 4500 क्षमता का अस्पताल है। मौजूदा समय में यहां करीब 520 कोविड के बेड हैं। पूरी क्षमता के साथ शुरू होने पर दोनों अस्पतालों में कुल मिलाकर पांच हजार से अधिक कोविड बेड हो जाएंगे। इससे मरीजों की मुश्किलें काफी हद तक आसान हो जाएंगी। फिलहाल मरीज अस्पतालों में कई-कई दिनों से भर्ती नहीं हो पा रहे हैं। अस्पतालों में कोरोना जांच भी लगभग बंद पड़ी है।