Tuesday, 29 November 2022 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
# शीर्ष प्रबंधन के लिए नकारात्मक व हठधर्मी कार्यप्रणाली जिम्मेदार
# कर्मचारियों-अभियंताओं का किया जा रहा शोषण
# अपर मुख्य सचिव से बेनतीजा रही वार्ता
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया, इस अवसर पर बिजली कर्मचारियों और अभियंताओं ने हाथों में तख्ती लिए व नारेबाजी करते हुए पूर्ण कार्य बहिष्कार कर लखनऊ सहित सभी जिलों में विरोध सभा करते हुए मशाल जुलूस निकाला गया।
संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन की मनमानी से कार्य का माहौल खत्म हो चुका है. शीर्ष प्रबंधन में भ्रष्टाचार के चलते लगातार घाटा हो रहा है. लंबित मांगों को लेकर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी व सदस्यगण आंदोलित हैं. लेकिन, शीर्ष प्रबंधन संगठन के पदाधिकारियों के प्रति लगातार उदासीन रवैया अपनाए हुए है. प्रबंधन संगठन की मांगों पर गंभीर नहीं है. इससे गहरा आक्रोश है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ऊर्जा विभाग का शीर्ष प्रबंधन कर्मचारियों की न्याय संगत मांगों पर ध्यान न देकर उल्टे कर्मचारियों, अवर अभियंताओं व अभियंताओं का शोषण कर रहा है. कर्मचारियों व अधिकारियों का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कार्य बहिष्कार पर केंद्रीय महासचिव इंजीनियर जय प्रकाश ने कहा कि उप्र ऊर्जा निगमो मे शीर्ष प्रबंधन की स्वेच्छाचरिता एवं हिटलरशाही नीति पर तत्काल विराम लगाकर कार्य का वातावारण बेहतर बनाये जाने की आवश्यकता है। तेलंगाना, पंजाब, राजस्थान की भाँति संविदा कार्मिको को भी नियमित किया जाय।
इससे पहले सोमवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों की अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश गुप्ता के साथ पहले दौर की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद समिति ने कार्य बहिष्कार का ऐलान किया. संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों में टकराव के लिए शीर्ष प्रबंधन की नकारात्मक व हठधर्मी कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही चेयरमैन पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए मा ऊर्जा मंत्री जी से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की।
सभी कर्मचारियों ने एक साथ मांग करते हुए कहा कि आम जनता को तकलीफ न हो अतः कार्य बहिष्कार के प्रथम चरण में उत्पादन गृहों, पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों, सिस्टम ऑपरेशन और 33 केवी विद्युत उपकेंद्रों में पाली में कार्यरत बिजली कर्मियों को कार्य बहिष्कार आंदोलन से अवमुक्त रखा गया है।