Saturday, 21 January 2023 00:00
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काठमांडू, पीटीआई। नेपाल में यति एयरलाइंस के विमान की दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवार को पर्याप्त मुआवजा मिलने की संभावना क्षीण है। ऐसा इसलिए क्योंकि नेपाल सरकार ने एयर कैरियर लायबिलिटी एंड इंश्योरेंस बिल को अभी तक स्वीकृति नहीं दी है। इसके कारण बीमा कंपनी दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए पर्याप्त मुआवजा राशि देने के लिए बाध्य नहीं है। वर्तमान व्यवस्था में मृतक आश्रितों को अधिकतम 20 हजार डालर का ही मुआवजा मिल सकता है। बीती 15 जनवरी को यति एयरलाइंस का विमान पोखरा के नवनिर्मित एयरपोर्ट के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में पांच भारतीय नागरिकों समेत 72 लोग मारे गए थे।
घरेलू विमान कंपनियों के लिए तैयार हुआ था मसौदा
मालूम हो कि नेपाल में 2020 में घरेलू विमान कंपनियों के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार हुआ था। लेकिन इससे दो साल पहले सरकार ने मांट्रियल कन्वेंशन 1999 को स्वीकार किया था। इस समझौते के चलते एयरलाइन कंपनी यात्रियों की मौत और घायल होने की स्थिति में जिम्मेदार मानी जाती है। नेपाल के पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार मांट्रियल कन्वेंशन के प्रविधानों के आधार पर ही एयरलाइन कंपनियों की जिम्मेदारी से संबंधित विधेयक का प्रस्ताव तैयार किया गया है। लेकिन उक्त कन्वेंशन के सभी प्रविधान शामिल नहीं किए गए हैं क्योंकि उन्हें व्यावहारिक तौर पर नेपाल में लागू नहीं किया जा सकता है।
कैबिनेट की स्वीकृति के बाद संसद में पेश होगा विधेयक
नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव बुद्धिसागर लमिछाने के अनुसार इस प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद ही प्रस्ताव विधेयक के रूप में संसद में पेश होगा। विधेयक के प्रस्ताव के अनुसार नेपाल की घरेलू एयरलाइन कंपनी को यात्री के घायल या मरने की स्थिति में एक लाख डालर की क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा। लेकिन इस समय हवाई यात्रा के दौरान यात्री के घायल होने या मरने पर 20 हजार डालर के मुआवजे का प्रविधान है। यति एयरलाइंस के दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का बीमा हिमालयन एवरेस्ट इंश्योरेंस कंपनी ने कर रखा था। कंपनी ने कहा है कि मृतकों के परिवारों को मुआवजा मिलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।