अयोध्याः उत्तर प्रदेश के अयोध्या के रहने वाले संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं. यूपी एसटीएफ टीम ने आतंकी का मोबाइल चेक किया, तो उसमें हैरान करने वाला सच सामने आया. वह लकड़ी से बनी हुई नकली बंदूक के जरिए असली अपराध को अंजाम देने की तैयारी करवाता था. अब्दुल अयोध्या के राम मंदिर पर हमला करने की फिराक में था, लेकिन एसटीएफ ने मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया. गिरफ्तारी के बाद परत-दर-परत कई राज पुलिस ने खोल दिए.
अयोध्या के मजनाई गांव का रहने वाला संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान के मोबाइल की छानबीन में एटीएस और एसटीएफ को तमाम ऐसी वीडियो और सबूत मिले हैं, जिससे उसके खतरनाक मंसूबे का पता चलता है. जांच एजेंसियां अब्दुल रहमान के संपर्कों की जांच कर रही हैं. अब्दुल रहमान किससे मिलता था कब कहां जाता था अयोध्या पहुंचकर एसटीएफ और एटीएस इसकी जांच 2 दिन पहले की थी. बताया जाता है कि उसके घर से एसटीएफ को डमी हथियार यानी की लकड़ी की बंदूक भी मिली थी जिससे सोशल मीडिया पर वह लोगों को ट्रेनिंग देने का भी काम कर रहा था.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अब्दुल रहमान आतंकी संगठन आईएस के हैदराबाद मॉड्यूल के संपर्क में था. सूत्रों के मुताबिक इसके हैंडलर अबू सुफियान ने ही उसे राम मंदिर पर हमला करने के लिए उकसाया था. वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर युवाओं को डमी हथियारों के जरिए उन्हें चलाने की ट्रेनिंग भी दे रहा था. अब्दुल रहमान के पैतृक आवास मजनाई गांव से डमी हथियार यानी की लकड़ी की बंदूक भी बरामद हुई थी.
हरियाणा और गुजरात पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में फरीदाबाद से आतंकी अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसी और यूपी एटीएस ने उसके मजनाई गांव पर छापा मारा था. छापे में तमाम डमी हथियार बरामद हुए थे, सोशल मीडिया पर अब्दुल रहमान के कई वीडियो अपलोड होने के बाद गुजरात पुलिस उस पर अपनी नजर रख रही थी. जैसे ही वह 4 मार्च को अब्दुल रहमान फरीदाबाद पहुंचा, सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.