
महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच सरकार बनाने को लेकर खींचतान जारी है। शिवसेना भाजपा के साथ 50-50 फॉर्मूला पर अड़ी हुई है। शिवसेना का कहना है कि उसे ढ़ाई वर्षों के लिए सीएम का पद चाहिए। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कर दिया है कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से मुख्यमंत्री पद को लेकर कुछ भी तय नहीं हुआ है।
फडणवीस ने कहा कि हमारे पार्टी अध्यक्ष ने पुष्टि की है कि शिवसेना के साथ सीएम पद पर कुछ भी तय नहीं किया गया है। इसको लेकर अभी कोई फॉर्मूला तय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले जब गठबंधन को अंतिम रूप दिया गया था तब शिवसेना से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया गया था।
फडणवीस ने कहा कि मैं आपको आश्वासन देता हूं कि महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी और मैं अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहूंगा। भाजपा अगले पांच साल तक महायुति (गठबंधन) की स्थिर और कुशल सरकार का नेतृत्व करेगी। उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना की तरफ से अभी तक कोई मांग नहीं की गई है। अगर उनकी तरफ से कोई मांग रखी जाएगी, तो हम इस पर योग्यता के आधार पर निर्णय लेंगे।
फडणवीस ने कहा कि भाजपा विधायक दल बुधवार को अपना नया नेता चुनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाम का एलान पहले ही कर चुके हैं और बैठक एक औपचारिकता होगी। उनका इशारा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी द्वारा दिए गए उस बयान की ओर था कि गठबंधन की अगुवाई फडणवीस करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अभी तक 10 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया है। हमें उम्मीद है कि पांच और निर्दलीय विधायक हमारा समर्थन करेंगे।
इसी बीच, भाजपा ने शिवसेना में टूट का इशारा किया है। भाजपा सांसद संजय ककडे ने दावा किया है कि शिवसेना के विधायक लगातार भाजपा के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना के नवनिर्वाचित करीब 45 विधायक भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने के इच्छुक हैं। एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान राज्यसभा सदस्य ककाड़े ने यह दावा किया।
उन्होंने कहा कि शिवसेना के 56 में से 45 विधायकों ने भाजपा के साथ हाथ मिला कर सरकार बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की है। वे हमें फोन कर कह रहे हैं कि उन्हें सरकार में शामिल कर लें।’’ ककाड़े ने यह भी कहा कि शिवसेना के विधायक कह रहे हैं कि चाहे जो भी किया जाए, लेकिन हम भाजपा के साथ सरकार का हिस्सा बनना चाहते हैं।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा ही सत्य की राजनीति की है और वह सत्ता की भूखी नहीं है। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हमारे पास अन्य विकल्प भी हैं लेकिन हम उन विकल्पों को स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते। शिवसेना ने सत्य की राजनीति की है और पार्टी सत्ता के लिए भूखी नहीं है।
भाजपा शिवसेना के बीच गठबंधन होने के बावजूद महाराष्ट्र में सरकार बनाने में विलंब होने के बारे में पूछने पर राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है जिसके पिता जेल में हों। उनका इशारा हरियाणा के उप मुख्यमंत्री और जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला की ओर था।
राउत ने सोमवार को कहा था कि उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने के वास्ते विकल्प खोजने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि राजनीति में कोई संत नहीं हैं। उन्होंने दावा किया था दोनों पार्टियां सत्ता में समान भागीदारी के फार्मूले पर सहमत थीं और मुंबई में तो इस बारे में घोषणा भी कर दी गई थी।