
नई दिल्ली: भारत (India) और बांग्लादेश (Bangladesh) के बीच दिल्ली में खेले गए पहले टी20 मुकाबले के दौरान टीम इंडिया को हार मिली. मुश्फिकुर रहीम (Mushfiqur Rahim) के नाबाद अर्धशतक (60) रन के बूते बांग्लादेश ने 148 रन के लक्ष्य को 3 गेंद रहते 3 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया. टी20 में 8 मैच गंवाने के बाद बांग्लादेश को भारत के खिलाफ पहली जीत नसीब हुई है. रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी में उतरी भारतीय टीम में युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) को भी मौका मिला. वर्ल्ड कप 2019 के बाद चहल और कुलदीप यादव भारतीय टी20 टीम से बाहर चल रहे थे. लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज के लिए उन्हें मौका दिया गया. चहल ने खुद को इस मैच में फिर से साबित किया. उन्होंने 4 ओवर डाले और 24 रन देकर 1 विकेट लिए.
उन्होंने अपने पहले दो ओवर में तो महज 2 रन दिए थे. पहले ही ओवर में उन्होंने डेब्यू करने वाले बांग्लादेशी बल्लेबाज मोहम्मद नईम को शिखर धवन के हाथों कैच कराया. उनके दूसरे ओवर में टीम इंडिया को विकेट लेने के मौके भी बने, लेकिन विकेटकीपर ऋषभ पंत से उन्हें पर्याप्त मदद नहीं मिली. इस ओवर में 2 गेंदों पर भारत के पास विकेट लेने के मौके थे.
18वें ओवर में चहल की गेंद पर कैच छोड़ना पड़ा महंगा
रोहित शर्मा ने बाद में युजवेंद्र चहल को बांग्लादेशी पारी का 18वां ओवर डालने की जिम्मेदारी दी. उस समय बांग्लादेश को जीतने के लिए 18 गेंद में 35 रन चाहिए थे. इस ओवर की तीसरी गेंद पर चहल ने मुश्फिकुर रहीम को अपनी फिरकी में फंसा लिया था लेकिन बाउंड्री पर क्रुणाल पंड्या ने कैच टपका दिया और गेंद चार रन के लिए चली गई. यह भारत को काफी महंगा पड़ा और रहीम ने 19वें ओवर में खलील अहमद की गेंदों पर लगातार 4 चौके उड़ाकर मैच भारत से छीन लिया. चहल के स्पैल का सबसे महंगा ओवर आखिरी ओवर ही रहा. इसमें उन्होंने 13 रन दिए.
चहल भले ही टीम को जिताने में नाकाम रहे हो, लेकिन उन्होंने अपनी स्पेल से साबित कर दिया कि वे टी20 टीम में रहने के हकदार हैं. बता दें कि भारतीय टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली चाहते हैं कि गेंदबाज बल्ले से भी उपयोगी योगदान करें. चहल बल्ले से काफी कमजोर हैं. इसी वजह से उन्हें टीम से बाहर किया गया था, लेकिन कोहली ने इस प्रयास में खिलाड़ी की विशेषज्ञता को नजरअंदाज कर दिया.