
फैसला टालने पर ट्राई का कहना है कि नई प्रक्रिया को इस्तेमाल में लाने से पहले ठीक तरह से पड़ताल करना अपरिहार्य है ताकि ग्राहकों को बाद में प्रक्रिया से जुड़ी कोई दिक्कत ना हो.
मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी (MNP) के संशोधित नियम फिलहाल 11 नवंबर से प्रभावी नहीं होने जा रहे हैं. टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथेरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने तकनीकी दिक्कतों के चलते इस समयसीमा को आगे के लिये टाल दिया है. ट्राई ने कहा कि नई तारीख जल्द अधिसूचित की जाएगी. ऐसे में मोबाइल नंबर पोर्टिबिलिटी अभी मौजूदा नियमों के अनुसार ही होगी. साथ ही इसमें 4 से 10 नवंबर के दौरान कोई व्यवधान भी नहीं होगा.
ट्राई ने कहा कि नई प्रक्रिया को इस्तेमाल में लाने से पहले ठीक तरह से पड़ताल करना अपरिहार्य है ताकि ग्राहकों को बाद में प्रक्रिया से जुड़ी कोई दिक्कत ना हो. एमएनपी के नियम संशोधित करने का मकसद पूरी प्रक्रिया को आसान और तेज करना है.
नए नियमों के तहत एक ही सर्किल में नंबर एमएनपी कराने के लिए दो दिन की समयसीमा तय की गई है. पहले यह समय सीमा सात दिन थी. नियामक ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमनों में इन ताजा बदलावों को दिसंबर 2018 में जारी किया था. इन नियम और उसके बाद जारी अधिसूचनाओं के मुताबिक एमएनपी की संशोधित प्रक्रिया को 11 नवंबर से अमल में आना था.
बहरहाल, ट्राई ने कहा कि यह महसूस किया गया कि जो समयसीमा बताई गई है दूरसंचार आपरेटरों और एमएनपी सेवा प्रदाताओं के स्तर पर कुछ तकनीकी मुद्दों को देखते हुये उसका पालन नहीं किया जा सकता है. इस लिहाज से दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (सातवां संशोधन) नियमन 2018 के क्रियान्वयन को आगे के लिए टालने की ज़रूरत है.