
इस दौरान यौन शोषण (Rape Case) और रंगदारी (Extortion) दोनों ही मामले में सभी आरोपियों चिन्मयानंद (Chinmayanand), रेप पीड़िता छात्रा, संजय, सचिन, विक्रम को कोर्ट में पेश किया गया. सभी आरोपियों ने कोर्ट में हस्ताक्षर किए और पेशी के बाद सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच वापस जेल भेज दिया गया.
शाहजहांपुर. लॉ छात्रा यौन शोषण (Rape Case) मामले में जेल में बंद चिन्मयानंद (Chinmayanand) और उनसे रंगदारी (Extortion) मांगने के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के चीफ नवीन अरोड़ा ने बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में 4700 पेज का आरोप पत्र (Chargesheet) दाखिल की है. इस दौरान दोनों ही मामले में सभी आरोपियों स्वामी चिन्मयानंद, रेप पीड़िता छात्रा, संजय, सचिन, विक्रम को कोर्ट में पेश किया गया. सभी आरोपियों ने कोर्ट में हस्ताक्षर किए और पेशी के बाद सभी को कड़ी सुरक्षा के बीच वापस जेल भेज दिया गया.
यह भी बता दें कि पीड़ित छात्रा की जमानत अर्जी पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. वहीं 8 नवंबर को स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी है. बता दें मंगलवार को एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने प्रेस वार्ता कर बताया था कि 6 सितम्बर से जांच का काम शुरू हुआ था. टीम ने 105 गवाहों के बयान लिए, 20 भौतिक साक्ष्य 55 अभिलेखीय साक्ष्यों के साथ 4700 पेज की रिपोर्ट तैयार की गई.
बीजेपी नेताओं के पास से पैनड्राइव बरामद
आईजी नवीन अरोड़ा ने स्वामी चिन्मयानंद मामले में जांच पूरी हो गई है. कल वह न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर देंगे. इस मामले में पीड़िता के पास से दौसा, राजस्थान में छीनी गई पेन ड्राइव भाजपा के सहकारी बैंक के अध्यक्ष डीपीएस राठौर और एक भाजपा नेता अजीत सिंह के पास से बरामद हो गई है.
उन्होंने बताया कि दौसा, राजस्थान में पीड़िता के पास से यह पेनड्राइव इन नेताओं ने छीन ली और उसको अपने लैपटॉप में डालकर देखा. उसके बाद लैपटॉप से डिलीट कर दी. फिर चिन्मयानंद से एक करोड़ 25 लाख रुपए मामला निपटाने के लिए मांगे. इसी मामले में दोनों नेताओं को दोषी पाया गया.
आईजी नवीन अरोड़ा ने बताया कि दोनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 385, 506 और 201 के तहत आरोपपत्र कल न्यायालय में दाखिल कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसी के साथ स्वामी चिन्मयानंद की ओर से दर्ज कराए गए रंगदारी मांगने में अब आरोपियों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. इस मामले में पीड़िता के अलावा संजय, विक्रम, सचिन पहले से ही जेल में बंद हैं.
पीड़िता का सारा सामान संजय की मामी ने नाले में बहाया
उन्होंने बताया कि जांच में पाया गया कि छात्रा को जब हॉस्टल का कमरा दिया जाता है, तब वह अपना ताला स्वयं लगाती है जबकि पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसकी अनुपस्थिति में कालेज प्रशासन ने ताला खोलकर महत्वपूर्ण साक्ष्य चश्मा आदि गायब कर दिए हैं. जांच में ऐसा नहीं पाया गया क्योंकि संजय ने पीड़िता के साथ दिल्ली जाने से पूर्व भी पीड़िता के कमरे का सारा सामान राहुल नामक व्यक्ति के घर पर एक बक्से में बंद करके रख दिया था.
आईजी ने बताया कि जब एसआईटी द्वारा जांच शुरू हुई और लोगों की गिरफ्तारी हुई. तब संजय की मामी घबरा गईं और उन्होंने बक्से का सारा सामान पास में ही बहने वाले नाले में बहा दिया. इसकी जैसे ही जानकारी एसआईटी को मिली तो उन्होंने नाले की सफाई कराकर बक्से के सामान को अपने कब्जे में ले लिया लेकिन नाले से चश्मा बरामद नहीं हो सका.
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