
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आदेश दिया है कि किसानों को पराली के निस्तारण के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया जाएगा. पराली के निस्तारण के लिए यह भुगतान तीन राज्यों के किसानों को किया जाएगा.
इस आदेश के अंतर्गत पंजाब, हरियाणा और यूपी तीन राज्यों के किसान आएंगे. यह फैसला छोटे और सीमांत किसानों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को बिना कोई फीस वसूले छोटे और सीमांत (Marginal) किसानों को पराली के निस्तारण के लिए मशीनें उपलब्ध कराने के लिए भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार और पंजाब के मुख्य सचिव की पराली जलाने के मामले में जमकर खिंचाई की क्योंकि पंजाब-हरियाणा में पराली का जलाया जाना पड़ोसी राज्य दिल्ली में वायु प्रदूषण की बड़ी वजह बनता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “यह करोड़ों लोगों की जिंदगी और मौत का सवाल है. वे इसके चलते अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं… हम पूरी तरह से किसी भी विशेष परिस्थिति में पराली जलाने की छूट देने के सुझाव को खारिज करते हैं.”
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्र और राज्य दोनों ही मिलकर छोटे और सीमांत (Marginal) किसानों को मशीनें उपलब्ध कराने के लिए काम करें.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को फटकार लगाते हुए यह भी कहा है कि पैसों की कमी किसी सरकार के लिए अपने कर्तव्य न निभाने का बहाना नहीं हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कृषि भारत के रीढ़ की हड्डी है और भारत के छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा होनी चाहिए. ऐसे में पर्याप्त फंड न होने को उनपर ध्यान न देने की वजह नहीं बनाया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि किसानों को दंडित किया जाना अंतिम उपाय नहीं है. इसके बजाए उन्हें इसके निस्तारण के लिए इंसेन्टिव यानि प्रोत्साहन राशि, मशीनें और उपकरण दिए जाने चाहिए और ऐसा नहीं किया जा रहा है.