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वकील VS दिल्ली पुलिस: हाईकोर्ट ने कहा वकीलों पर जबरदस्ती कार्रवाई नहीं, जारी रहेगा 2 पुलिसकर्मियों का निलंबन

नई दिल्ली. दिल्ली (Delhi) में आज वकीलों के प्रदर्शन (Protest)को लेकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय का सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली पुलिस के हेड क्वार्टर के बाहर सीआरपीएफ (CRPF) को तैनात किया गया है. कल दिल्ली पुलिस (Delhi Police)के जवानों ने यहां पर करीब ग्यारह घंटे तक वकीलों (Lawyers) की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया था. आज लगभग दिल्ली के सभी कोर्ट परिसरों को बाहर वकील दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के खिलाफ प्रदर्शन (Protest) कर रहे हैं.

इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गृह मंत्रालय की स्पष्टीकरण की मांग वाली अर्जी का निस्तारण कर दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा बनाई गई कमिटी ही मामले की जांच जारी रखेगी. इस मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर कोई रोक नहीं लगाई गई है. वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा हमने अपने रविवार के आदेश में कहा था कि केवल 2 एफआईआर जो उस दिन तक दर्ज हुई हैं उसको लेकर कार्रवाई नहीं होगी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में किसी भी तरह का स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा हमने सभी कुछ अपने आदेश में लिखा था. कोर्ट ने केवल दो FIR को लेकर कोई भी ‘जबरन’ एक्शन नहीं लेने को कहा था.

इस मामले को लेकर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई रिव्यू पेटिशन की अर्जी खारिज कर दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि दो पुलिसकर्मियों का निलंबन जारी रहेगा. वहीं वकीलों की तरफ से पेश वकील राकेश खन्ना ने दिल्ली हाइकोर्ट से कहा कि इस मामले में मीडिया को रिपोर्टिंग पर बैन लगाने का आदेश देना चाहिए. राकेश खन्ना ने कोर्ट में कहा कि मीडिया और पुलिस मामले की बिगाड़ने का प्रयास कर रही है.

वहीं बार काउंसिल ने कहा कि पुलिस को यह बताना होगा कि गोली चलाने वाले पुलिस के खिलाफ क्या करवाई की गई है. पुलिस अपने मामले की छुपाने की कोशिश कर रही है. बार काउंसिल ने कहा कि साकेत की घटना में दिल्ली पुलिस ने सेक्शन 392 के तहत डकैती का मामला दर्ज किया है. यह पावर का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं बार काउंसिल ने कहा है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर एक हफ्ते पर कार्रवाई होनी चाहिए.

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय द्वारा दायर की गई याचिका को भी खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने तीस हजारी कोर्ट में 2 नंवबर को वकीलों और पुलिस के बीच हुए हंगामे पर स्पष्टीकरण मांगा था.

दिल्ली हाईकोर्ट में बार की तरफ से कहा कि अगर हम इस समय पुलिस से मामला दर्ज़ करने के लिए कहते है वो दर्ज नहीं कर रही है. दिल्ली बार एसोसिएशन ने कहा कि कार्रवाई एक तरफ़ा नहीं होनी चाहिए.

वहीं दिल्ली हाईकोर्ट में गृह मंत्रालय के वकील ने कहा कि एप्लीकेशन दायर करने के उद्देश्य राजधानी में शांति बनाये रखना है.

राजस्थान में हरियाणा पुलिस के जवान को वकीलों ने पीटा
दिल्ली में वकील के पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन असर यूपी, हरियाण के बाद अब राजस्थान में भी हुआ है. यहां अलवर में हरियाणा पुलिस (Haryana Police) के एक जवान के साथ वकीलों ने हाथापाई हुई है. इसके बाद से वकील और पुलिसकर्मी (Cops-Lawyers) आमने-सामने आ गये है.

हरियाणा से अलवर आए पुलिसकर्मी के साथ इस घटना के बाद पुलिसकर्मियों में रोष है. यहां वकील भी एकजुट होकर पुलिस के सामने हो गए हैं. कोर्ट में वकीलों के पुलिसकर्मी से की हाथापाई की घटना के बाद दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोक हुई. इस घटना के बाद एसपी देशमुख परिश अनिल को खुद मोर्चा संभालना पड़ा है.

साकेत कोर्ट में वकील ने की आत्मदाह की कोशिश
वहीं दिल्ली में पुलिस के खिलाफ कार्रवाई को लेकर वकील कोर्ट परिसर में धरना दे रहे हैं. पुलिस के खिलाफ कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे एक वकील ने अपने ऊपर केरोसिन जैसा कोई पदार्थ डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की है. वकील की मानें तो उसने अपने आत्मसम्मान के लिए आत्मदाह की कोशिश की है.

इस वकील का कहना है कि पुलिस दिल्ली के वकीलों की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है. वहीं साकेत कोर्ट परिसर में एक वकील बिल्डिंग में चढ़ गया है, वकील का कहना है कि अगर उसकी मांगों को नहीं माना गया तो वह बिल्डिंग से कूदकर जान दे देगा.

बता दें कि दिल्ली के सभी कोर्ट परिसरों के बाहर आज वकील दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर वकील पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. रोहिणी कोर्ट के बाहर भी वकीलों का धरना जारी है. वहीं साकेत कोर्ट के बाहर कवरेज करने गये पत्रकारों के साथ धरना दे रहे कुछ वकीलों ने बदसलूकी की है.

कोर्ट के गेट बंद करने से जनता और वकीलों में टकराव जैसे हालात
कोर्ट परिसर में धरना दे रहे वकीलों ने साकेत कोर्ट का गेट बंद कर दिया है. इसके चलते लोग कोर्ट परिसर में नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में पेशी में पहुंचे लोगों ने वकीलों का विरोध किया है. इससे जनता और वकीलों के बीच टकराव जैसे हालात बन गये हैं. पेशी पर आये लोगों का कहना है कि आज उनके केस की अहम सुनवाई थी, जो वकीलों के धरने के कारण नहीं हो पा रही है. ऊपर से वकील उनको कोर्ट परिसर में नहीं जाने दे रहे हैं.

पुलिस कमिश्नर राज्यपाल से मिलने पहुंचे
दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ज्वाइंट कमिश्नर राकेश खुराना वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ उपराज्यपाल अनिल बैजल के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे हैं. इस बैठक में कथित तौर पर पुलिस को पीटने के मामले में उपराज्यपाल से चर्चा करेंगे.

गृह मंत्रालय ने मामले की रिपोर्ट मांगी थी
तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ हुई झड़प को लेकर दिल्ली पुलिस का ये धरना बीते दस घंटों से जारी था. इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी धरना खत्म करने के साथ ही दोनों पक्षों से शांत रहने की अपील की थी. मामले में गृह मंत्रालय ने दिल्ली हाईकोर्ट से स्पष्टीकरण मांगा है. मंत्रालय ने हाईकोर्ट से ‘वकीलों पर कार्रवाई न करने’ के आदेश पर सफाई देने के लिए कहा है.

ग्यारह घंटे तक पुलिस ने दिया था धरना
मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवान सड़कों पर उतर आए थे और घटना का विरोध (Protest) किया था. मंगलवार सुबह से ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर जवानों प्रदर्शन कर वकीलों के खिलाफ एक्शन की मांग कर रहे थे. मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में जवान जुटे और ‘काला कोट हाय-हाय’ के नारे लगाए. दोपहर में पुलिस कमिश्नर ने जवानों से धरना समाप्त करने की अपील की थी लेकिन असर नहीं हुआ था. हालांकि रात में पुलिस के जवानों ने 11 घंटे के बाद धरना समाप्त कर दिया और बुधवार से काम पर लौट आये हैं.

पुलिसकर्मियों ने रखी थीं ये मांगें
1. निलंबित पुलिस अधिकारी को बहाल करना
2. घायल पुलिस अधिकारी को मुआवजा.
3. अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई.
4. SC में HC के आदेश के खिलाफ अपील.
5. पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने वाले व्यक्तियों का सत्यापन.
6. निचले अधिकारियों के लिए पुलिस एसोसिएशन की मांग.

उपराज्यपाल की थी शांति की अपील
मामले को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल के आवास पर बैठक की गई थी. इसमें दिल्ली के मुख्य सचिव और गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव भी इस मौजूद रहे. बैठक में उपराज्यपाल ने घायल पुलिसकर्मियों और वकीलों को बेहतर और मुफ्त इलाज मुहैया कराने का आश्वासन दिया था. साथ ही कहा था कि घायल पुलिसकर्मियों को उचित मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही एलजी ने कहा था कि दिल्ली पुलिस के किसी भी ऑफिसर के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. एलजी ने सद्भाव और कानून बनाए रखने की अपील की थी.

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रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

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