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जाति के आधार पर हिरासत में व्यवहार: पुलिस हेडक्वार्टर ने कहा- DGP के आदेश में गलत क्या है!

डीजीपी (DGP) वी के सिंह (V K SINGH) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को विधि संगत प्रावधानों के अधीन आवश्यक होने पर ही हिरासत में लेने और पुलिस हिरासत में कोई अभद्रता व्यवहार, मारपीट ना करने की हिदायत थी.

भोपाल. जाति के आधार पर पुलिस हिरासत में व्यवहार करने के डीजीपी वी के सिंह (DGP V K SINGH) के आदेश पर पुलिस मुख्यालय (Police headquarters) कायम है. पुलिस मुख्यालय से बुधवार देर शाम एक नया बयान जारी हुआ है. उसमें लिखा है कि डीजीपी ने SC-ST आयोग के निर्देश का पालन किया है और उसमें कुछ भी गलत नहीं है.

पुलिस मुख्यालय के एआईजी आशुतोष प्रताप सिंह ने कहा कि आदेश में कोई गलत बात नहीं लिखी है. एसटी-एससी आयोग के डायरेक्शन का पालन अलीराजपुर की घटना को लेकर किया गया है. पुलिस अधिकारियों को सभी लोगों के लिए विधि संगत निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा आदेश को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. आयोग ने तीन डायरेक्शन दिए थे, जिनमें से एक डायरेक्शन के तहत सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.

यह है मामला
डीजीपी वी के सिंह ने चार नवंबर को प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को एक निर्देश जारी किया था. इसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को विधि संगत प्रावधानों के अधीन आवश्यक होने पर ही हिरासत में लेने और पुलिस हिरासत में कोई अभद्रता व्यवहार, मारपीट ना करने की हिदायत थी.

डीजीपी के पत्र का मजमून
डीजीपी वी के सिंह ने पत्र में लिखा था कि कुछ ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई हैं, जिसमें पुलिस हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के साथ अभद्र व्यवहार और मारपीट की गई. इन घटनाओं पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने गंभीर आपत्ति व्यक्त की है. भारतीय संविधान एवं विधि के अधीन किसी व्यक्ति को व्यक्तिगत स्वतंत्रता से केवल कानूनन ही वंचित किया जा सकता है. विधि संगत प्रावधानों के अधीन आवश्यक होने पर ही हिरासत में लेने और पुलिस हिरासत में में कोई अभद्रता व्यवहार, मारपीट ना करने की हिदायत थी. उन्होंने आगे लिखा था कि इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए. ताकि आगे फिर कभी इस तरह की घटना ना हों.

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रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

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