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राम मंदिर के लिए जाना पड़ा था जेल, सुप्रीम फैसले पर बोले आडवाणी- ‘जीवन धन्य हो गया!’

आडवाणी ने कहा ‘मैं धन्य हूं, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति के साथ फैसला सुनाया। अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भगवान राम के लिए एक भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।’

राम मंदिर निर्णाल के लिए रथ यात्रा निकालने वाले बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सहमति जता है। उन्होंने कहा कि इस फैसले के बारे में सुनते ही उनका जीवन धन्य हो गया है।

उन्होंने कहा ‘मैं धन्य हूं, सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति के साथ फैसला सुनाया। अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भगवान राम के लिए एक भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। मैंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि राम और रमायण भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है।’

बीजेपी नेता ने कहा ‘रामजन्मभूमि भारत और विदेशों में हमारे देश के करोड़ों लोगों के दिलों में एक विशेष और पवित्र स्थान रखती है। यह बेहद ही खुशी की बात है कि हिंदूओं की आस्था और विश्वास को माना गया। सुप्रीम कोर्ट का मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अयोध्या में ही पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का फैसला भी स्वागत योग्य है। समय आ गया है कि विवाद और कटुता को पीछे छोड़कर सांप्रदायिक एकता और सहमति को गले लगाया जाए।’

बता दें कि आडवाणी को राम मंदिर आंदोलन का ‘चीफ आर्किटेक्ट’ कहा जाता है। 90 के दशक में उन्होंने इस आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और इसकी दशा और दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाई। वह इस आंदोलन में शामिल सबसे बड़े चेहरों में से एक माने जाते हैं।

भाजपा के तब के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक राम रथ यात्रा निकाली थी लेकिन 23 अक्टूबर, 1990 को बिहार पहुंचने पर वहां की लालू यादव की सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था।

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रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

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