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बाबरी मस्जिद विध्‍वंस को लेकर दिग्विजय सिंह का Tweet, पूछा- कब मिलेगी दोषियों को सजा?

दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने ट्वीट कर कहा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि फैसले में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) को तोड़ने के कृत्य को गैरकानूनी माना है.

भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद ट्वीट किया है. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्मभूमि फैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को गैरकानूनी माना है. ऐसे में क्या दोषियों (Guilty) को सजा मिल पाएगी? उन्होंने कहा कि देखते-देखते 29 साल हो गए हैं.

दरअसल, लखनऊ की एक विशेष सीबीआई अदालत में चल रहे अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के आपराधिक मामले में फैसला अप्रैल 2020 तक आने की संभावना है. विशेष सीबीआई अदालत ने अभियोजन पक्ष द्वारा सबूत और गवाही पेश करने की आखिरी तारीख 24 दिसंबर तय की है. 29 सितंबर, 2019 को आरेाप तय होने के बाद अदालत द्वारा बार-बार आदेश देने के बावजूद कल्याण सिंह के खिलाफ गवाह नहीं लाने पर हाल ही में कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को फटकार लगाई थी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को कर दिया था खारिज
भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ सुनवाई 25 मई, 2017 को लखनऊ की विशेष अदालत में शुरू हुई थी. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को खारिज कर दिया था. कल्‍याण सिंह के खिलाफ राजस्थान के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद सितंबर 2019 में सुनवाई शुरू हुई. राज्यपाल के रूप में उन्हें कानूनी प्रक्रिया से छूट प्राप्त थी. वर्ष 1992 में 6 दिसंबर को जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, तब कल्‍याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

अयोध्‍या मामले पर शनिवार को आया था फैसला
बता दें कि शनिवार को अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आया था. चीफ जस्टिस (CJI) रंजन गोगोई ने विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने की बात कही थी. साथ ही फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं पांच एकड़ जमीन देने को कहा था. सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या विवाद पर लगातार 40 दिन तक सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

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