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SPG सुरक्षा हटने के बाद CRPF ने सोनिया गांधी, राहुल और प्रियंका की सुरक्षा का जिम्मा संभाला

सोनिया गांधी (Sonia Gandhi), राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से 28 साल बाद एसपीजी सुरक्षा (SPG Security) वापस ले ली गयी. उन्हें सितंबर 1991 में 1988 के एसजीपी कानून के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था.

नई दिल्ली. केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) और उनके बेटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) की सुरक्षा का जिम्मा सोमवार को संभाल लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. केन्द्र सरकार ने पिछले सप्ताह सोनिया, राहुल और प्रियंका की एसपीजी सुरक्षा (SPG Security) को वापस ले लिया था.

अधिकारियों ने बताया कि सोनिया गांधी के 10, जनपथ स्थित आवास पर इजरायली एक्स-95, एके सीरीज और एमपी-5 बंदूकों के साथ केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल के कमांडो की एक टुकड़ी ने सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है. इसी तरह का एक दस्ता कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी के तुगलक लेन स्थित आवास और प्रियंका गांधी वाड्रा के लोधी एस्टेट में स्थित आवास पर तैनात किया गया है.

Z+ सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग
विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा हटाये जाने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की एक विशेष वीवीआईपी सुरक्षा इकाई को अखिल भारतीय आधार पर गांधी परिवार को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा है.

अधिकारियों ने बताया कि नए सीआरपीएफ कवर में इन तीन वीवीआईपी के लिए एक उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) कवायद का प्रावधान है, और इसके तहत कमांडो को उनके द्वारा दौरा किए जाने वाले स्थानों और क्षेत्र की पहले से जांच करने का अधिकार होगा.

इसलिए किया गया था SPG सुरक्षा देने का फैसला
अधिकारियों ने बताया था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार को दी गयी एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला एक विस्तृत सुरक्षा आकलन के बाद लिया गया. लिट्टे के आतंकवादियों ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.

सोनिया, राहुल और प्रियंका से 28 साल बाद एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गयी. उन्हें सितंबर 1991 में 1988 के एसजीपी कानून के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था. इस फैसले के साथ करीब 4,000 बल वाला एसजीपी अब केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में तैनात रहेगा.

देश में नक्सल विरोधी अभियानों और आंतरिक सुरक्षा कार्यों के लिए एक प्रमुख बल सीआरपीएफ के पास लगभग 52 अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है जिसमें केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हैं.

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रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

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