
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार का दिन बेहद अहम. केरल के सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Mandir), राफेल डील (Rafale Deal) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले में आज आएगा फैसला.
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज का दिन काफी गहमागहमी वाला रहने वाला है. शीर्ष अदालत आज सबरीमाला और राफेल मुद्दे (Rafale Deal) पर दाखिल रिव्यू पिटीशन पर फैसला सुनाएगा. अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसले के बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) की अगुवाई वाली बेंच ही इन दोनों मामलों पर फैसला सुनाएगी. वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ दायर आपराधिक अवमानना याचिका पर भी आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.
सबरीमाला (Sabarimala) में 16 नवंबर से भगवान अयप्पा मंदिर (Lord Ayyappa Mandir) की 2 महीने चलने वाली तीर्थयात्रा में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति को चुनौती देने वाली रिव्यू पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) आज फैसला सुनाएगा.
दरअसल, केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत नहीं है, लेकिन हाल के कुछ वर्षों में कुछ महिला संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे को उठाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने फैसले में महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दी थी. परंपरा और धार्मिक मसला बताते हुए कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ चीफ जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने एक रिव्यू पिटीशन दायर की गई थी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी कर ली है और गुरुवार को इस मामले में कोई फैसला सुना सकती है.
28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर 2018 को सभी महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत देने वाला फैसला दिया था. कोर्ट ने कहा था कि लिंग के आधार पर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को रोकना एक भेदभाव वाली प्रथा है, जिससे महिलाओं के मौलिक अधिकार का हनन होता है. पिछले कुछ समय से केरल की राजनीति इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द घूम रही है.
राफेल डील पर सरकार को मिली क्लीन चिट पर होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट राफेल डील पर सरकार को क्लीन चिट देने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग कर रही याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा. शीर्ष अदालत राफेल मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री- यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य की याचिकाओं पर फैसला देगी, जिनमें पिछले साल के 14 दिसंबर के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है, जिसमें फ्रांस की कंपनी ‘दसॉ’ से 36 लड़ाकू विमान खरीदने के केंद्र के राफेल सौदे को क्लीन चिट दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसफ की पीठ राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मामले में फैसला सुनाएगी. गौरतलब है कि 14 दिसम्बर 2018 को शीर्ष अदालत ने 58,000 करोड़ के इस समझौते में कथित अनियमितताओं के खिलाफ जांच का मांग कर रही याचिकाओं को खारिज कर दिया था.