
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में राजस्थान के लिए खेलते हुए दीपक चाहर (Deepak Chahar) ने जबर्दस्त गेंदबाजी की, राजस्थान ने यूपी को 5 विकेट से हराया
तिरुवनंतपुरम. टीम इंडिया के तेज गेंदबाद दीपक चाहर (Deepak Chahar) का गेंद से शानदार प्रदर्शन जारी है. इंटरनेशनल क्रिकेट में अपनी सटीक लाइन और लेंथ का लोहा मनवाने वाले चाहर अब सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी अपनी गेंदों पर बल्लेबाजों को नचा रहे हैं. दीपक चाहर ने राजस्थान के लिए खेलते हुए टीम की जीत में अहम योगदान दिया. तिरुवनंतपुरम में हुए इस मैच में चाहर ने 4 ओवर में काफी ज्यादा 46 रन तो दिए लेकिन उनके आखिरी ओवर की वजह से राजस्थान को जीत मिली.
चाहर ने 4 गेंद में झटके 3 विकेट
यूपी के खिलाफ हुए मुकाबले में दीपक चाहर (Deepak Chahar) ने अपने पहले तीन ओवरों में तो रन दे दिए, लेकिन जब वो अपना आखिरी ओवर फेंकने आए तो उन्होंने 4 गेंदों में यूपी के तीन बल्लेबाजों को पैवेलियन की राह दिखा दी. दीपक चाहर ने 20वें ओवर की पहली गेंद पर मोहसिन खान, तीसरी गेंद पर शानू सैनी और चौथी गेंद पर शुभम चौबे को निपटा दिया. उनकी इस धारदार गेदबाजी की वजह से बड़े स्कोर की बढ़ रही यूपी की टीम 164 रन ही बना सकी. इसके बाद राजस्थान ने इस लक्ष्य को 5 विकेट खोकर 16 गेंद पहले ही हासिल कर लिया. राजस्थान के बल्लेबाज रवि बिश्नोई ने 43 गेंदों में 87 रनों की पारी खेली.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में राजस्थान के लिए खेलते हुए दीपक चाहर (Deepak Chahar) ने जबर्दस्त गेंदबाजी की, राजस्थान ने यूपी को 5 विकेट से हरायादीपक चाहर ने फिर दिखाया आखिरी ओवर में कमाल
आखिरी ओवर के जादूगर हैं चाहर
बता दें दीपक चाहर (Deepak Chahar) ने पिछले तीन मुकाबलों में आखिरी ओवर में शानदार गेंदबाजी की है. चाहर ने गुरुवार को यूपी के खिलाफ आखिरी ओवर में 3 विकेट लिये. विदर्भ के खिलाफ उन्होंने आखिरी तीन गेंदों पर एक वाइड समेत तीन विकेट लिये. बांग्लादेश के खिलाफ चाहर ने आखिरी तीन गेंदों पर हैट्रिक झटक इतिहास रच दिया था.
आखिरी ओवर में क्यों कामयाब हैं चाहर?
दीपक चाहर (Deepak Chahar) को पहले नई गेंद का गेंदबाज माना जाता था, उन्हें नई गेंद से गेंदबाजी नहीं कराई जाती थी. लेकिन दीपक चाहर ने आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए स्लॉग ओवर्स में गेंदबाजी करने की कला सीख ली. दीपक चाहर ने एमएस धोनी की सलाह पर आईपीएल में आखिरी ओवर्स में गेंदबाजी की थी. वो गीली गेंद से प्रैक्टिस करते थे. खुद उन्होंने अपनी सफलता में धोनी का बड़ा हाथ बताया है.