
कनाडा मूल के लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले दिल्ली के मोती नगर इलाके के फर्जी कॉल सेंटर में लोगों को मोटी तनख्वाह दी जा रही थी। यहां काम करने वालों को एक लाख रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक वेतन पर रखा गया था।
मोती नगर इलाके में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर से गिरफ्तार सभी 32 लोग यहां काम कर रहे थे। इन 32 लोगों में तीन फ्लोर मैनेजर शामिल हैं जो सीधे कॉल सेंटर चलाने वाले पांच मालिक राजा, पंकज, सुशील, नवीन और दिव्यम अरोड़ा के संपर्क में रहते थे।
अंग्रेजी में लेते थे साक्षात्कार: गिरफ्तार किए गए लोगों ने पूछताछ में बताया कि है कॉल सेंटर के संचालकों ने समाचार पत्रों में नौकरी के लिए विज्ञापन दिया था। इसके बाद वह वहां काम के लिए पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने साक्षात्कार का एक प्रारूप तैयार किया हुआ था जो कनाडा में इस्तेमाल होने वाली अंग्रेजी भाषा में होता था। इस प्रारूप को केवल वह बच्चे की पास कर पाते थे, जिनकी अंग्रेजी भाषा बहुत अच्छी होती थी।
पांच महीने पहले ही किराए पर ली थी जगह : फरार आरोपी राजा, पंकज, सुशील, नवीन और दिव्यम आरोड़ा ने तीन माह पहले कॉल सेंटर शुरू किया था। जहां सेंटर चल रहा था वह जगह पांच माह पहले किराए पर ली थी। इसके लिए एक फर्जी कंपनी बनाई। इसी की आड़ में पांचों दोस्त ठगी करते थे। अपना दूरसंचार प्रोग्राम तक तैयार कर रखा था आरोपियों ने अपना दूरसंचार प्रोग्राम तैयार कर लिया था, जिसकी मदद से वह दिल्ली में बैठकर लोगों को फोन करते थे और फोन उठाने वाले के मोबाइल पर फोन नंबर कनाडा का ही दिखाई देता था। आरोपियों के पास से दर्जनों कंप्यूटर मिले हैं। टेलिकॉलर को 25 से 40 हजार रुपये तक देते थे कॉल सेंटर में लोगों की तनख्वाह 15 हजार से एक लाख तक है। फ्लोर मैनेजर का वेतन एक लाख से ज्यादा तो दो का 80 हजार रुपये है। ज्यादातर टेलिकॉलर की सैलरी 25 से 40 हजार के बीच में रखी गई थी। वहीं डाटा जमा करने वालों को 15 हजार देते थे।