
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में रामलला की पैरवी करने वाले के. परासरन सहित वकीलों की पूरी टीम अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएगी। भगवान रामलला विराजमान को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से फैसले की सत्यापित प्रति मिल गई है। वकीलों की टीम फैसले की सत्यापित प्रति भी अपने साथ लेकर जाएगी। रामलला के दर्शन के लिए सिर्फ वकील ही नहीं उनके परिवार वाले भी साथ जा रहे हैं। सभी के 22 – 23 नवंबर को अयोध्या पहुंचने की संभावना है।
परासरन ने 92 वर्ष की आयु में रामलला की ओर से की थी सुप्रीम कोर्ट में बहस
पूर्व अटार्नी जनरल के. परासरन ने 92 वर्ष की आयु में कई दिन तक खड़े रह कर रामलला की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी। कोर्ट ने उन्हें बैठ कर बहस करने की छूट दी थी लेकिन वह बैठे नहीं थे। के. परासरन की भगवान राम में अटूट आस्था है। सूत्र बताते हैं कि वह काफी समय से अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करना चाहते थे। वह फैसला सुरक्षित होने के बाद ही अयोध्या जाना चाहते थे लेकिन कुछ व्यस्तता के चलते नहीं जा सके। अब वह 22 नवंबर को अयोध्या जाएंगे।
परासर अपनी तीन पीढि़यों के साथ 22 नवंबर को जाएंगे अयोध्या
परासर अपनी तीन पीढि़यों के साथ अयोध्या जा रहे हैं। उनके साथ उनके बेटे, बेटी और बेटों व बेटी के बच्चे यानी नाती पोते सब पूरा परिवार जा रहा है। उनके परिवार से करीब 18 लोग अयोध्या जा रहे हैं, इसमें उनके पुत्र और पूर्व सालिसिटर जनरल मोहन परासरन भी शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि परासरन का पूरा परिवार 22 नवंबर को सीधे चेन्नई से लखनऊ और फिर अयोध्या जाएगा।
परासरन के साथ होगी वकीलों की भी टीम
परासरन के अलावा रामलला की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन, वरिष्ठ वकील पीएस नरसिम्हा, पीवी योगोश्वरन, भक्ति वर्धन सिंह और श्रीधर पोटा राजू भी अपने पूरे परिवार के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन करने जाएंगे। वकील श्रीधर पोटा राजू, भक्तिवर्धन और पीवी योगेश्वरन 22 नवंबर को दिल्ली से सीधे लखनऊ और फिर अयोध्या जाएंगे। जबकि सीएस वैद्यनाथन उनका परिवार और पीएस नरसिम्हा और उनका परिवार 23 नवंबर को अयोध्या पहुंचेगा। सुप्रीम कोर्ट में रामलला की ओर से उनके निकटमित्र त्रिलोकी नाथ पांडेय ने अपील दाखिल की थी। इन लोगों के साथ त्रिलोकीनाथ पांडेय भी रामलला के दर्शन करेंगे।
रामलला के वकीलों को सुप्रीम कोर्ट से मिल गई फैसले की सत्यापित प्रति
भक्ति वर्धन बताते हैं कि रामलला की ओर से फैसले की सत्यापित प्रति के लिए आवेदन किया गया था और मंगलवार को कोर्ट से उन्हें फैसले की सत्यापित प्रति मिल गई है। हालांकि अभी कोर्ट से रामलला के हक में डिक्री प्राप्त नहीं हुई है। डिक्री मिलने में वक्त लगता है। हाईकोर्ट से भी बहुत दिनों बाद डिक्री मिली थी। दीवानी मुकदमों में कोर्ट के फैसले के बाद कोर्ट से विधिवत डिक्री जारी होती है।