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हांगकांग: प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच तनाव बरकरार, विश्वविद्यालय में भारी पुलिस बल तैनात

हांगकांग, एजेंसी। लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव बना हुआ है। हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ पालिटेक्निक में भारी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। पुलिस ने विश्वविद्यालय को चारों तरफ से घेर रखा है और जो भी बाहर निकलता है उसे वे गिरफ्तार कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका ने भी हांगकांग सरकार को आगाह किया है कि वह राजनीतिक हिंसा को शांति के जरिए समाधान करे। चीन इस पूरे मामले पर सख्‍त रूप अपनाने का संकेत दे चुका है।

उधर, हांगकांग प्रशासन का दावा है कि अभी भी कम से कम 100 प्रदर्शनकारी हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ पालिटेक्निक में मौजूद हैं। हांगकांग की मुख्य कार्यकारी कैरी लाम ने कहा है कि 600 लोग यूनिवर्सिटी परिसर से निकल चुके हैं, इनमें से 18 साल से कम आयु वर्ग के 200 किशोर भी शामिल हैं। बता दें कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को मनाने के लिए दो मध्यस्थों को भी सोमवार देर शाम विवि के अंदर भेजा था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने विवि परिसर छोड़ने से इंकार कर दिया। यह हालत तब है जब उनके पास खाने-पीने की चीजें खत्म हो रही हैं।

मुख्य कार्यकारी ने कहा कि जो प्रदर्शनकारी 18 साल से कम आयु के हैं, उन्हें तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्‍होंने कहा लेकिन बाद में उनको आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। विवि से बाहर निकले 400 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सलाहकारों के साथ साप्ताहिक बैठक के बाद उन्होंने कहा कि वह विवि परिसर में मौजूद बाकी प्रदर्शनकारियों को बाहर आने के लिए मनाने की हर तरह की कोशिश करेंगी ताकि जितनी जल्दी हो सके इस पूरे अभियान को शांतिपूर्ण तरीके से समाप्त कराया जा सके। यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए हांगकांग में मौजूद चीन की सेना की मदद लेंगी, लाम ने कहा कि उनकी सरकार स्थिति पर नियंत्रण करने में सक्षम है।

प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर पांच महीने पहले शुरू हुआ था आंदोलन विवादित प्रत्यर्पण विधेयक को लेकर हांगकांग में पांच महीने पहले शुरू हुआ प्रदर्शन अब लोकतंत्र और स्वायत्तता की मांग को लेकर जोर पकड़ने लगा है। यह आंदोलन अब विश्वविद्यालयों में फैल गया है। प्रदर्शनकारी छात्र मास्क पहनकर पहुंच रहे हैं, जबकि पुलिस भी आंसू गैस के गोले छोड़ रही है। पिछले सप्ताह एक प्रदर्शनकारी छात्र की मौत के बाद यह विरोध और हिंसक हो गया।

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रिपोर्ट- आवाज प्लस डेस्क

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