
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की पेंशन योजना, प्रधानमंत्री किसान धन योजना के तहत 18 लाख से अधिक किसानों ने पंजीकरण कराया है। योजना का लक्ष्य लगभग 3 करोड़ लाभार्थियों को कवर करना है। 14 नवंबर को, देश के 18.29 लाख किसानों को इस योजना के तहत पंजीकृत किया गया है, जिसमें गुजरात के 61,496 किसान शामिल हैं। यह बात मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक लिखित जवाब में कही।
केंद्र सरकार की योजना का उद्देश्य लघु और सीमांत किसानों (एसएमएफ) के लिए एक सामाजिक सुरक्षा जाल प्रदान करना है क्योंकि उनके पास बुढ़ापे के लिए कोई बचत नहीं है। इससे उनके आजीविका के परिणामी नुकसान की स्थिति में उनका समर्थन करना है। बता दें कि वर्ष 2019-20 के लिए 900 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है। योजना के तहत धन का कोई राज्यवार आवंटन नहीं है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, कृषि मंत्री ने सदन को सूचित किया कि देश में कुल 27.77 लाख हेक्टेयर क्षेत्र जैविक खेती के अंतर्गत आता है। एक प्रभावी अध्ययन के अनुसार, यह पाया गया है कि खेती की लागत (लागत बचत) में 10-20% की कमी थी और जैविक किसानों को शुद्ध रिटर्न में 20-50% की वृद्धि हुई। कुछ समूहों में मूल्य प्रीमियम (30% तक) भी देखा गया, जो बड़े शहरों के नजदीक थे और बड़े बाजारों के साथ अच्छे संबंध थे। 2017 के दौरान योजना के लिए प्रबंधन अध्ययन राष्ट्रीय विस्तार संस्थान (MANAGE), हैदराबाद द्वारा प्रभाव अध्ययन किया गया था।