
आखिर यह बार बार क्यों होता है कि एक ठेकेदार बिना अनुमति के आधी रात बेखौफ होकर भूमिगत टेलीकॉम केबल बिछाने का कार्य करता है, कार्य करने के दौरान कभी बिजली की केबिल, तो कभी टेलीफोन की लाइन व पेयजल लाइनें भी हो रही क्षतिग्रस्त हो जाते है, सूचना पा कर यदि कोई समाजिक कार्यकर्ता या पत्रकार मौके पर पहुॅच कर सम्बन्धित अधिकारीयों को अवगत कराते है, तो अधिकारी पहली बात तो फोन उठाते नहीं है, यदि गलती से उठ भी गया तो इस विषय पर बात करना पसन्द नहीं करते। यदि किसी अधिकारी के ऑखों में कुछ शर्म बची होती है, तो मौके पर किसी को भेजने की बात करते हुए फोन काट देते है। फिर उपरोक्त समाजिक कार्यकर्ता या पत्रकार बेवकूफ बनते हुए संबंधित अधिकारी की इंतजार करता है, और ठेकेदार अपना काम खत्म कर चलता बनता है, छोड़ देता है उबर खाबर रोड़, ताकि आम जनता उसमें गिरता-पड़ता रहे, भले किसी की गाड़ी फसे या कोई गिर कर मर जाये।

अब सवाल यह उठता है कि एक तो बिना परमिशन ठेकेदार ने यह काम किया, जिम्मेदार व्यक्तियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचना दी, तो सूचना के वाद क्यों नहीं कोई अधिकारी मौके पर पहुंचता है और तो और संबंधित पार्षद भी मौके पर आना मुनासिब नहीं समझते, आखिर क्यों नहीं संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई होतीं? हम तो यह नहीं बता सकते कि इसमें किसका लाभ, क्योंकि अब जनता भी जानती है कि सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है, लेकिन कभी यह किसी ने सोचा कि जिसने कार्य स्थल पर जा कर सूचना दी, उसका उस ठेकेदार, कार्य करने वाले मजदूर व आस पास के लोगो के सामने उसका फिजा क्या होता होगा। आखिर क्यों होते है निजी टेलीकॉम कंपनी ठेकेदार सभी अधिकारियों पर भारी ?
लखनऊ। अभी तत्कालीन मामला इन्दिरा नगर का है, जहां बिना अनुमति वोडाफोन भूमिगत टेलीकॉम केबल बिछाते समय पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई, सूचना देने के बाद भी नगर निगम एवं जलकल विभाग के अघिकारियों की नींद नहीं टूट रही है।

बताते चले कि इंदिरा नगर के सेक्टर-10 में वोडाफोन आईडिया कंपनी के ठेकेदार द्वारा बिना अनुमति के भूमिगत टेलीकॉम केबल बिछाने का कार्य बुधवार शाम से शुरू किया गया था, बुधवार शाम के समय जब एचडीडी मशीन द्वारा उस रात में भूमिगत केबल बिछाने के लिए ट्रेंच खोदे जा रहे थे, तभी अरविंदो पुलिस चौकी के सामने खुदाई के समय पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी थी, दरअसल ठेकेदार के पास इंदिरा नगर के सेक्टर-10 में ही मकान संख्या 10/121 से 10/224 के बीच की ही अनुमति थी, जबकि खुदाई मकान संख्या 10/14 के सामने की जा रही थी, जिसका उल्लेख अनुमति पत्र में नहीं है, तत्काल यह जानकारी क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता विजय गुप्ता ने नगर आयुक्त इन्द्र मणि त्रिपाठी, जलकल विभाग के महाप्रबंधक शैलेन्द्र वर्मा, अधिशासी अभियन्ता एस ए त्रिवेदी को बुधवार शाम को ही दे दी थी, उस समय तो ठेकेदार अपनी टीम के साथ वहां से भाग गया था, लेकिन बुधवार आधी रात को 02 बजे के बाद से गुरूवार की सुबह तक एचडीडी मशीन द्वारा वहां भूमिगत केबल बिछाने का कार्य चला, लेकिन सूचना मिलने के बाद भी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने कार्य स्थल पर पहुंचने की जरूरत ही नहीं समझी।


कल आधी रात को पुनः वोडाफोन आईडिया के ठेकेदार द्वारा सेक्टर-10 के ही मकान संख्या 10/276 के सामने ट्रेंच खोदकर भूमिगत टेलीकॉम केबल बिछाते समय पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी, और कल रात से ही इस क्षेत्र में हजारों लीटर पीने का पानी नालियों में बह गया और सड़क पर भर गया। जानकारी दे दे कि मकान संख्या 10/276 के सामने का क्षेत्र भी अनुमति पत्र में अंकित नहीं है।
आज इंदिरा नगर, सेक्टर-10 की क्षेत्रीय आवासीय समिति इंदिरा नगर विकास सुधार समिति के महासचिव तीरथ राम ने बताया कि कल आधी रात वोडाफोन कंपनी द्वारा यहाँ ट्रेंच खोदकर भूमिगत टेलीकॉम केबल बिछाते समय पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त कर दी, और ठेकेदार से लाइन का मरम्मत कार्य करने के लिए कहने के बाद भी आज पूरा दिन हजारों लीटर पीने का पानी बहता रहा और घरों में पानी का अकाल रहा या कुछ घरों में गन्दा पानी आया, लेकिन ठेकेदार पेयजल लाइन की मरम्मत के लिए नहीं आया, तब कहीं क्षेत्रीय आवासीय समिति के महासचिव तीरथ राम ने इसकी जानकारी जलकल विभाग के अधिकारियों को दी।
क्षेत्र में आज पूरे दिन पीने के पानी का संकट बना रहा, जिससे स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है, स्थानीय निवासी तीरथ राम, मनीष, अभिजीत, राम विलास सिंह यादव, जमुना सभी ने ठेकेदार के खिलाफ सरकारी विभागों द्वारा आवश्यक कार्यवाही की मांग की है प् अभिजीत ने बताया की आज खेलते हुए इसी पिट में एक छोटा बच्चा धंसने से बाल बाल बच गया।
अरविदों पुलिस चौकी के पास ही 03 दिन से बिना किसी बेरिकेडिंग के खुले ट्रेंच आज दावत दे रहें हादसों को। जब आज सामाजिक कार्यकर्ता विजय गुप्ता ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी नगर आयुक्त को देनी चाही तो उनका मोबाइल नहीं उठ रहा है।
स्थानीय निवासियों ने वार्ड के पार्षद पति मुकेश सिंह चौहान को भी अनाधिकृत भूमिगत केबल बिछाने एवं क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की जानकारी भी दी, लेकिन वह कार्य स्थल पर नहीं पहुंचे।
क्या इसी प्रकार निजी टेलीकॉम कंपनी के ठेकेदारों द्वारा रात के अँधेरे में अंधेर गर्दी का खेल चलता रहेगा, और जिम्मेदार आँख बंद कर कान में रुई डाल कर जनता की समस्याओं से मुँह मोड़ लेंगें? 03 दिन से खुले बिना बेरिकेडिंग के गहरे पिट्स में क्या किसी बड़े हादसे होने का इन्तजार कर रहे जिम्मेदार ?
देखना है बिना अनुमति इस कार्य पर लाखों रूपये से बनी सड़कें बर्बाद करने पर नगर निगम एवं क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन के खिलाफ जलकल विभाग इस ठेकेदार के खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही करते हैं ?
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