
दिल्ली में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. शीर्ष अदालत ने कहा है कि लोग घुट घुटकर क्यों मरें? विस्फोटक के 15 बैग लगा के शहर को उड़ा दीजिए.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने पर प्रतिबंध के उसके आदेश के बावजूद पंजाब में इसे जलाए जाने का गंभीरता से संज्ञान लिया और कहा कि दिल्ली के लोगों को प्रदूषण की वजह से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. शीर्ष अदालत ने कहा कि घुटकर क्यों मरें? विस्फोटक के 15 बैग लगा के शहर को उड़ा दीजिए.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपको सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है. अदालत ने पंजाब और हरियाणा को भी कड़ी फटकार लगाई और केंद्र और दिल्ली सरकार से आपसी मतभेद भुला कर काम करने को कहा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 10 दिन में स्मोग रिडक्शन टावर पर योजना बनाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की तरफ से शीर्ष अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल से कहा कि ”लोगों को गैस चैंबर में रहने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? उन सभी को एक बार में मारना बेहतर है, एक बार में 15 बैग में विस्फोटक कर दें. लोगों को क्यों भुगतना चाहिए? दिल्ली में आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है, मैं सचमुच स्तब्ध हूं.”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या आप लोगों से इस तरीके से व्यवहार कर सकते हैं और उन्हें दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से मरने के लिए छोड़ सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण लाखों लोगों की आयु कम हो गई है और लोगों का ‘‘दम घुंट’’ रहा है.
शीर्ष अदालत ने दिल्ली में जल प्रदूषण पर भी गंभीरता से संज्ञान लिया और कहा कि लोगों को शुद्ध जल पाने का अधिकार है.
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