
नई दिल्ली: 70वें संविधान दिवस (70th constitution day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में लोकसभा, राज्यसभा सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि 26 नवंबर भारत के लिए ऐसिहासिक दिन है. इस मौके पर संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने कहा कि 26 नवंबर भारत के लिए ऐसिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि कुछ दिन कुछ अवसर ऐसे होते हैं जो हमारे संबंधो को मजबूती देते हैं, बेहतर काम करने की दिशा दिखाते हैं. मुंबई हमलों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 26 नवंबर कुछ दर्द भी पहुंचाता है. आज के दिन मुंबई को आतंकवादी मंसूबो ने छलनी करने का प्रयास किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 7 दशक पहले इसी सेंट्रल हॉल में आस्था विश्वास संकल्पों की चर्चा हुई थी. ये सदन ज्ञान का महाकुंभ था. सपनों को शब्दों में मढ़ने का प्रयास हुआ था. उन्होंने कहा कि आज के दिन मैं सभी महान लोगों को समरण करता हूं, नमन करता हूं.
प्रधानमंत्री ने बाबा साहेब आंबेडकर को याद करते हुए कहा कि अंबेडकर ने 25 नवंबर को देश को याद दिलाया था कि भारत पहली बार आजद हुआ 1947 में, या गणतंत्र बना ऐसा नहीं है भारत पहले भी आजाद था. बाबा साहब ने देश को चेताते हुए पूछा था आज़ादी तो हो गई लेकिन क्या इसको बनाए रख सकते हैं?
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) और लोकसभाअध्यक्ष ओम बिरला के अलावा अन्य पदाधिकारी संसद में मौजूद रहे. वहीं, विपक्ष ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है.