
राजस्थान । “प्याजश्री” के भाव ने खाने का जायका और घर का बजट बिगाड़ रखा है। कई सप्ताह से यह स्थिति है। इसके बावजूद प्याज के दाम नियंत्रण को लेकर कहीं कोई हलचल सरकारी तंत्र में नहीं दिखी है। कभी प्याज की बढ़ी कीमतें सरकारें तक बदलने का कारण बन जाया करती थी। मगर फिलहाल राज्य व केंद्र सरकार को चुनाव का सामना नहीं करना है। ऐसे में लोगबाग कई दिनों से प्याज की कीमतों का रोना रो रहे हैं। यही हाल अन्य सब्जियों के भी हैं। रोजाना सब्जी लेने के दौरान महिलाएं व पुरूष ठेला संचालकों से एक ही सवाल कर रहे हैं आखिर कब तक प्याज के दामों में गिरावट आएगी। लेकिन ठेला संचालकों इन सवालों पर जवाब देने की बजाए, थोक में खरीदे गए प्याज का भाव बताकर लोगबाग के जिज्ञासों को शांत कर देते हैं। रविवार को हनुमानगढ़ में प्याज 70 से लेकर 100 रुपए तक बिका। प्याज के भावों में कहीं कोई नियंत्रण दिखाई नहीं दिया। मंडी में थोक विक्रेताओं ने 65 के करीब प्याज बिका। वहीं खुदरा विक्रेताओं ने छोटे से लेकर बड़े प्याजों को कई श्रेणियों में बांट कर दाम 70 से लेकर 100 रुपए वसूले। गौरतलब है कि गत कई सप्ताह से प्याज से 60 से लेकर 70 रुपए के करीब प्याज बिक रहा है। ऐसे में रसोई का पूरा बजट बिगडऩे से लोगबाग परेशान हैं।
अलवर से आ रहा प्याज
राजस्थान के जिलों के अलावा आसपास के राज्यों में एक मात्र अलवर से ही प्याज आ रहा है। अलवर में प्याज की डिमांड अधिक होने व अन्य राज्यों में बारिश के कारण पैदावर कम होने से प्याज के दाम कई हफ्तों से आसमान छू रहे हैं। इधर, महाराष्ट्र के नासिक से प्याज की नई पैदावार की सप्लाई तो शुरू हो चुकी है। लेकिन प्याज में नमी अत्यधिक होने के कारण थोक विक्रेता इस प्याज की डिमांड नहीं कर रहे हैं। ऐसे में केवल प्याज की सप्लाई अलवर से होने से दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
13 दिसंबर के बाद कम होगी कीमत
जानकारों की माने तो विवाह समारोह के चलते प्याज की खपत अधिक हो रही है और सप्लाई कम आ रही है। इसकी वजह से प्याज के दामों में बढ़ोतरी होने से रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है। लेकिन 13 दिसंबर को मलमास लगते ही प्याज की खपत कम होने से दामों में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।
मार्च में शुरू होगा सीकर का प्याज
जानकारों की माने तो कोटा में प्याज की फसल खराब होने के कारण भी प्याज के दाम कम नहीं हो रह और नासिक के प्याज में नमी होने से व्यापारी मंगवाने से कतरा रहे हैं। दरअसल व्यापारियों को नासिक से यहां तक प्याज पहुंचने के दौरान सडऩे की आशंका है। 15 से 20 दिन में नासिक से भी प्याज की सप्लाई यहां होने से दाम गिरने लगे हैं और मार्च 2020 के अंतिम सप्ताह में सीकर के प्याज की आवक बाजार में आते ही प्याज की कीमत सबसे नीचले स्तर पर होगी।
राशन डिपो पर मिले थे प्याज
कई वर्ष पूर्व प्याज के दाम आसमान छूने पर राज्य सरकार ने जनता को प्याज पर भी सब्सिडी दी थी। राशन डिपो की दुकानों पर राशन कार्ड के आधार पर रियायती दर पर लोगों को प्याज दिया गया था। लेकिन इस बार प्याज के दामों पर केंद्र व राज्य सरकार न तो नियंत्रण कर रही है और न ही कोई जनता को राहत देने के लिए कोई कड़े कदम उठा रही है। जबकि प्याज हर किसी को रुला रहा है, विपक्षी पार्टियां शोर मचाने की बजाए चुप्पी साधे हुए है।
अभी 15 दिन लगेंगे
प्याज की कीमतों में गिरावट आने में अभी 15 दिन लगेंगे। यहां एक मात्र अलवर से ही प्याज आ रहा है। आसपास के राज्यों में भी अलवर से ही प्याज जा रहा है। इसी तरह विवाह समारोह के चलते अधिक खपत होने व सप्लाई कम होने से प्याज के दाम बढ़ रहे हैं।
ओमप्रकाश सैनी, कोषाध्यक्ष, जंक्शन सब्जी मंडी आढ़त यूनियन