
क्या आप ने सपने में सोचा था कि यदि गलती से सफर के दौरान आप का कोई समान छूट जाये, और वह तत्काल आप का मिल जाये, तो क्या यह सभ्भव है, नहीं ना लेकिन आज मेट्रो रेल सुरक्षा व्यवस्था द्वारा यह असभ्भव कार्य सम्भव हो रहा है।
लखनऊ। जहां एक तरफ प्रदेश में पुलिस विभाग में कार्यरत कुछ अधिकारीयों की वजह से छवि धूमिल हो रही है, वहीं उत्तर प्रदेश की मेट्रो रेल सुरक्षा व्यवस्था हाइब्रिड मॉडल के तहत प्राइवेट सुरक्षा गार्डों के साथ बेवाक संवाद, सरल समन्वय और बेहतरीन सहयोग व दिशा-निर्देश के कारण पीएसी के जवान जनता के बीच अपनी छवि अच्छी बनाने में कामयाब हो रहे है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 2 दिसम्बर को के डी सिंह बाबू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन पर तैनात दरोगा नूर मोहम्द के पास विभा शुक्ला निवासी इंदिरा नगर नामक महिला ने आकर बताया कि मेट्रो स्टेशन पर उनका बैग किसी अन्य यात्री से बदल गया है। दरोगा नूर मोहम्द तत्काल इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए अपने साथी पीएसी कर्मचारियों एचसीपी रविन्द्र राम, सिपाही आदेश बाबु, सुशील कुमार, गलब चंद्र सरोज, धर्मेंद्र कुमार के साथ मिलकर पूरे स्टेशन की छानबीन किया, लेकिन कोई व्यक्ति न मिलने पर प्राइवेट सुरक्षा गार्ड के सहयोग से पीड़ित महिला के पास मौजूद बैग की तलाशी कराई, तलाशी में एक मिले मोबाइल नम्बर पर बात कर संजीव शुक्ला निवासी एलडीए कालोनी कानपुर रोड को इस सन्दर्भ में अवगत कराया। संजीव शुक्ला को भी अपनी गलती का अहसास होते ही तत्काल के डी सिंह बाबू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन पहुंचे, जहां दोनों ने आपस में बैग अदला बदली की। दोनो लोगो ने मेट्रो रेल सुरक्षा व्यवस्था को आभार प्रकट करते हुए दरोगा नूर मोहम्द सहित अन्य पीएसी के जवानों को धन्यवाद दिया।
इसी तरह सीसीएस एयरपोर्ट के प्लेटफॉर्म संख्या एक पर ट्रेन चेक करते समय एक काला हेलमेट मिला, जिसको ढूढते हुए जनार्दन यादव निवासी 32 वाहिनी पीएसी बटालियन उपरोक्त मेट्रो स्टेशन पर आये और स्टेशन कंट्रोलर दीपक कुमार से सारी औपचारिकता पूर्ण करने के बाद अपना हेलमेट प्राप्त किया।
एक मामला अमौसी मेट्रो स्टेशन का भी प्रकाश में आया है, जहां टिकट काउंटर पर एक यात्री का गलती से मोबाइल फोन छूट गया, जिसे टॉमरूम ऑपरेटर सुनील तिवारी ने स्टेशन कंट्रोलर जूही तिवारी को जानकारी देते हुए उनके पास जमा कर दिया। थोड़े देर बाद उपरोक्त मोबाइल को खोजते हुए सजनी सिंह पत्नी श्री महेश प्रसाद निवासी रहीमा बाग, बिजनौर अमौसी मेट्रो स्टेशन आयीं और स्टेशन कंट्रोलर से सारी औपचारिकता पूर्ण करने के बाद अपना मोबाइल ले गयीं।
मेट्रो सुरक्षा में लगे कर्मियों के उपरोक्त कार्य यह दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि कैसे आपसी सहयोग और टीम की भावना से कार्य कर वेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनाई जा सकती है।
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