
आज के अर्थयुग के जमाने में जहां अर्थ को सर्वोपरि महत्व देते हुए उसे इकठ्ठा करने की होड़ सी लगी है और लावारिस उपयोगी सामानों, पैसे रुपयों को पलक झपटते हो अपने कब्जे में लेने से बहुयायत लोग नही चूकते, वही लालच और प्रलोभन से दूर पीएसी कर्मी पराए धन को मिट्टी समझने की कहावत को चरितार्थ करते हुए लावारिस समानो को बिना किसी लालच के सुरक्षित कर आम बात बना दिये है। ऐसा आचरण विरले देखने को मिलने के कारण आश्चर्यचकित करने वाला है लेकिन यह पीएसी कर्मियों के लिए आम बात है। संगति का असर प्राइवेट सुरक्षा गार्डों पर पड़ता साफ नजर आने लगा है।
अपने घरों से दूर,परिवार से दूर सेवारत पीएसी कर्मी अत्यंत कम संसाधनों और अत्यंत कम सुख सुविधायों में भी उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन के लिए जाने जाते है। इनकी इन्ही विषेशताओ के कारण इन्हें सर्वोत्तम बल का दर्जा दिया गया है।
मेट्रो स्टेशनों की सुरक्षा करते हुए पीएसी कर्मियों ने अबतक हजारों लोगों के समान की हिफाजत कर सही सलामत वापस किया है और लगातार इस कड़ी को आगे बढ़ा रहे है।
लखनऊ। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सायंकाल लगभग 16ः40 बजे इंदिरा नगर मेट्रो स्टेशन के स्कैनर में एक लेडीज का चेकिंग के दौरान पर्स छूट गया, जिसमे मोबाइल, कुछ रूपया, पेन, दो अंगूठी के साथ-साथ उसकी मार्कशीट भी थी। उपरोक्त पर्स को सुरक्षा गार्ड राम बनारस ने स्टेशन कंट्रोलर श्री अलोक तिवारी के पास जमा कर दिया।
कुछ समय पश्चात सिविल लाइन, गोंडा, उत्तर प्रदेश के रहने वाली श्रीमति बबली त्रिपाठी पुत्री श्रीराम त्रिपाठी उपरोक्त पर्स को खोजते हुए इंदिरा नगर मेट्रो स्टेशन आकर आई.सी. पीएसी दरोगा आदेश प्रसाद तिवारी से मिल कर उपरोक्त बातों से अवगत कराई, जिसके उपरान्त पीएसी दरोगा आदेश प्रसाद तिवारी ने सभी आवश्यक औपचारिकता पूर्ण करने के बाद सारा सामान सहित अपना पर्स प्राप्त की। श्रीमति बबली त्रिपाठी अपना पर्स को सही सलामत प्राप्त करने के उपरान्त बताया ऐसा बहुत कम अवसर आता है, जहां आप का खोया समान सुरक्षित वापस मिल जाये, इसके लिए मैं पीएसी जवानों सहित इंदिरा नगर मेट्रो स्टेशन के समस्त कर्मचारीयों/अधिकारीयों को तहेदिल से शुक्रिया अदा करती हूं।
आज के ही दिन इसी तरह का मामला एक मामला के0डी0 सिंह बाबू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन पर भी आया, जहां सायं 4 बजे मेट्रो स्टेशन के लेडीज वाशरूम में महिला सुरक्षा गार्ड रंजू यादव को एक लेडीज पर्स मिला, जिसमे नगद रूपया 7591.00 मात्र व बैंक ऑफ़ बड़ोदा का एक एटीएम कार्ड था, जिसमे दीपमाला लिखा था। लवारिस पर्स देख महिला गार्ड रंजू यादव ने उप निरीक्षक नूर मोहम्मद को इसकी सूचना दी। सूचना देने के उपरान्त पर्स को स्टेशन कंट्रोलर शैलेन्द्र प्रताप सिंह के पास जमा कर दिया।
कुछ समय पश्चात दीपमाला पुत्री प्रदीप कुमार जो कि 41/306 नरही, लखनऊ के निवासी है, पर्स को खोजते हुए उपरोक्त मेट्रो स्टेशन आकर स्टेशन कंट्रोलर शैलेन्द्र प्रताप सिंह से सम्पर्क कर आवश्यक सभी औपचारिकता पूर्ण करने के बाद अपना पर्स सहित सारा सामान ले गयीं। दीपमाला अपना पर्स को सही सलामत पाकर पीएसी जवानों सहित इंदिरा नगर मेट्रो स्टेशन के समस्त कर्मचारीयों/अधिकारीयों को तहे दिल से धन्यवाद दिया।
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