
लखनऊ। आज सुबह लगभग 10 बजे सचिवालय मेट्रो स्टेशन सुरक्षा प्रभारी पीएसी दरोगा कैलाश चन्द्र यादव के पास घबड़ाई हुई परेशान एक महिला अर्चना श्रीवास्तव आयी और अपने बेटे अर्णव के ट्रेन में कही बिछड़ जाने की बात कहकर रोने लगी।
दरोगा ने उन्हें सांत्वना देते हुए कंट्रोल रूम को सूचना देकर सभी 21 मेट्रो स्टेशनों को एलर्ट किया, सभी स्टेशन प्रभारी उस बच्चे को ढूढने में लग गए। थोड़ी देर में पीएसी जवानों की मेहनत रंग लाई और बच्चा हजरतगंज मेट्रो स्टेशन पर मिल गया, जिसे पीएसी कर्मी ने सचिवालय स्टेशन लाकर उसकी माँ को सुपुर्द किया।
ऐसा आचरण विरले देखने को मिलने के कारण आश्चर्यचकित करने वाला है, लेकिन यह पीएसी कर्मियों के लिए आम बात है। संगति का असर प्राइवेट सुरक्षा गार्डों पर पड़ता साफ नजर आने लगा है। अपने घरों से दूर,परिवार से दूर सेवारत पीएसी कर्मी अत्यंत कम संसाधनों और अत्यंत कम सुख सुविधायों में भी उत्कृष्ट कार्य प्रदर्शन के लिए जाने जाते है। इनकी इन्ही विषेशताओ के कारण इन्हें सर्वोत्तम बल का दर्जा दिया गया है।