
केंद्र सरकार ने शुक्रवार (6 दिसंबर 2019) को दुष्कर्म के आरोपों के बाद देश छोड़कर भाग जाने वाले ‘स्वयंभू बाबा’ नित्यानंद का पासपोर्ट रद्द कर दिया। विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक नित्यानंद के नये पासपोर्ट की याचिका भी खारिज कर दी गई है। मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साझा की। वहीं सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि एक वेबसाइट बना लेने से एक राष्ट्र का निर्माण नहीं हो जाता।
दरअसल ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि नित्यानंद ने साउथ अमेरिका में ‘कैलासा’ नाम का एक देश बनाया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रवीश कुमार से पूछा गया था कि नित्यानंद ने एक वेबसाइट पर ‘कैलासा’ नाम से खुद का अपना देश बनाने की घोषणा की है। इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘क वेबसाइट शुरू करना एक राष्ट्र बनाने से अलग चीज है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने विदेशों में स्थित सभी मिशनों और पोस्टों को नित्यानंद के बारे में सतर्क कर दिया है।
वहीं इक्वाडोर दूतावास ने नित्यानंद को शरद देने से जुड़ी खबरों का खंडन किया है। दूतावास के मुताबिक न तो नित्यानंद को शरण दी गई है और न ही उसे किसी तरह की जमीन खरीदने में मदद दे गई है। बता दें कि वेबसाइट पर नित्यानंद ने अपने देश के अलग विधान, अलग संविधान और सरकारी ढांचे की भी जानकारी दी है। इस साइट पर ‘महानतम हिंदू राष्ट्र’ कैलासा की नागरिकता हासिल करने के लिए डोनेशन का भी आह्वान किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नित्यानंद ने अमेरिका की एक प्रसिद्ध कानूनी सलाहकार कंपनी की मदद से संयुक्त राष्ट्र में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में उसने अपने देश को मान्यता देने की अपील की है। मालूम हो कि कथित रेप और अपहरण सहित कई मामलों में नित्यानंद भारत में वांछित है।