बिजली निगम ने भेजा 4 लाख का फर्जी बिल, कोर्ट से निरस्त

वाराणसी में एक उपभोक्ता को गलत बिजली बिल जारी करने के मामले में बड़ी राहत मिली है। स्थायी लोक अदालत ने गलत बिल को निरस्त कर दिया है और उपभोक्ता के विद्युत संयोजन को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया है।…

वाराणसी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से गलत बिजली बिल जारी करने के मामले में एक उपभोक्ता को बड़ी राहत मिली है। स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष संतराम, सदस्य श्रीप्रकाश मिश्रा और सदस्य अर्चना श्रीवास्तव ने गलत बिल निरस्त कर दिया है। साथ ही नगरीय विद्युत वितरण खंड-द्वितीय (चौकाघाट) रीडिंग के अनुसार संशोधित बिजली बिल तथा विच्छेदित विद्युत संयोजन पुन: संयोजित करने का आदेश जारी किया है।

न्यायालय स्थायी लोक अदालत के सदस्य श्रीप्रकाश मिश्रा के अनुसार हंकार टोला (चेतगंज) निवासी कसीम अहमद ने विद्युत बिल में संशोधन एवं विद्युत संयोजन को पुनर्स्थापित करने के लिए परिवाद पत्र दाखिल किया था। इसमें बताया गया कि मकान में 2 किलोवाट का विद्युत कनेक्शन दिनांक 31-07-2015 का है। चौकाघाट डिविजन से मीटर रीडिंग के आधार पर जो विद्युत बिल आता है, उसे जमा करते थे। 16.11.2021 को मीटर रीडर मीटर रीडिंग करने आया और बताया कि मीटर खराब है। इसकी वजह से अधिक बिल आ रहा है। पीड़ित का 10 महीने बाद दिनांक 19.08.2022 को मीटर बदला गया। इसके बाद उन्हें 372572 रुपये का बिल दिया गया। चौकाघाट में शिकायत दर्ज कराई तो अधिकारियों ने धमकाया कि पैसा जमा कर दो नहीं तो बिजली कनेक्शन काट देंगे। 19.02.2004 को कनेक्शन काट दिया गया। इसके बाद भी कई बार कार्यालय का चक्कर लगाया कि लेकिन अधिकारी सुनने का तैयार नहीं थे। जिलाधिकारी के आदेशों की भी अनदेखी की गई। न्याय नहीं मिलने पर कोर्ट की शरण ली।

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