“यह कोई मामूली हादसा नहीं… यह उस सिस्टम पर सवाल है, जो शिकायत सुनने से पहले एक और ज़िंदगी निगल गया।”
ओडिशा के बालासोर ज़िले के फकीर मोहन ऑटोनॉमस कॉलेज की एक 20 वर्षीय छात्रा ने अपने एचओडी (HOD) पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर कॉलेज परिसर में आत्मदाह कर लिया था। अब, AIIMS भुवनेश्वर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
🚨 क्या है पूरा मामला?
- छात्रा ने इस महीने की शुरुआत में अपने विभागाध्यक्ष (HOD) पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।
- आरोपों के बावजूद कॉलेज प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे पीड़िता हताश और आहत हो गई।
- निराश होकर छात्रा ने कॉलेज परिसर में ही खुद को आग लगा ली।
- वह 90% तक झुलस गई और 12 जुलाई को AIIMS भुवनेश्वर रेफर की गई।
🏥 AIIMS भुवनेश्वर का आधिकारिक बयान:
“छात्रा को बर्न्स सेंटर ICU में भर्ती किया गया था।
उसे IV फ्लूइड, एंटीबायोटिक्स, वेंटिलेशन और किडनी रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसी हर संभव चिकित्सीय मदद दी गई।
लेकिन गंभीर जख्मों के चलते उसे 14 जुलाई की रात 11:46 बजे मृत घोषित कर दिया गया।”
💬 सीएम और केंद्रीय मंत्री ने जताया दुख
- ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने छात्रा के परिजनों से मुलाकात की और दोषियों को कड़ी सज़ा दिलवाने का आश्वासन दिया।
- उन्होंने कहा,
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“यह सिर्फ एक छात्रा की मौत नहीं, बल्कि सिस्टम की चूक है। सरकार दोषियों को बख्शेगी नहीं।”
- केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी छात्रा के निधन पर शोक जताया और कहा कि
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“महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है, दोषियों पर कानून का शिकंजा जल्द कसना होगा।”
- ⚖️ अब क्या अगला कदम?
- जांच एजेंसियां सक्रिय, HOD समेत अन्य संदिग्धों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी।
- कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं — क्या शिकायत को नज़रअंदाज़ करना आत्महत्या को दावत देना नहीं था?