मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 दोषियों को किया बरी, फांसी और उम्रकैद की सज़ा रद्द
🗓️ घटना:
11 जुलाई 2006 को मुंबई की लोकल ट्रेनों में महज 11 मिनट में हुए 7 बम धमाकों में 189 लोगों की मौत हुई थी, और 800+ घायल हुए थे।
⚖️ हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला:
- 19 साल बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दोषियों को संदेह का लाभ देते हुए निर्दोष घोषित किया।
- 5 को मृत्युदंड, 7 को उम्रकैद मिली थी।
- कोर्ट ने कहा: “सबूत नाकाफी और गवाह अविश्वसनीय थे।”
- तत्काल रिहाई का आदेश।
🔍 कोर्ट की टिप्पणियां:
- टैक्सी ड्राइवर और चश्मदीदों के बयान अविश्वसनीय।
- बम, नक्शे जैसी बरामदगी अप्रासंगिक।
- यह साबित नहीं हो सका कि किस तरह का बम इस्तेमाल हुआ था।
📂 केस पृष्ठभूमि:
- 13 आरोपी गिरफ्तार, 15 अब भी फरार (कई के पाकिस्तान में होने का शक)।
- नवंबर 2006 में चार्जशीट, 2015 में दोष सिद्धि और सजा।
- 2025 में सुनवाई पूरी, अब बरी।
🗣️ निष्कर्ष:
मुंबई ब्लास्ट केस में न्यायिक प्रणाली की गहराई, लेकिन सबूतों की कमी के चलते 19 साल बाद आया यह निर्णय कई सवाल खड़े करता है – क्या असली दोषी अब भी आज़ाद हैं?