📍 कन्नौज, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहाँ अपराध और भ्रष्टाचार पर “जीरो टॉलरेंस” की नीति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं, वहीं कन्नौज जिले से आई यह घटना उनके दावों की खुली पोल खोलती है।
अवंतीबाई नगर (तिर्वा थाना क्षेत्र) के निवासी धीरज कुमार खटिक, जो अनुसूचित जाति से आते हैं, उनकी ज़मीन (गाटा संख्या 578, कुल 53.90 वर्ग मीटर) पर कुछ दबंग – बृजेंद्र सिंह उर्फ जलेबी, विकास यादव, रिंकू यादव और रामनरेश – ने अवैध कब्जा कर रखा है।
✋ जब भी धीरज ने अपने भूखंड पर जाने की कोशिश की:
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जातिसूचक गालियां दी गईं
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जान से मारने की धमकी मिली
शिकायतें प्रभारी निरीक्षक से लेकर क्षेत्राधिकारी (CO तिर्वा) तक की गईं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उपजिलाधिकारी ने पैमाइश के निर्देश दिए, परंतु तत्कालीन लेखपाल सनोस कुमार ने पैमाइश रोक दी और 5 लाख रुपये की रिश्वत माँगने का आरोप लगा।
👉 सवाल यह है:
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यदि आरोप झूठा था तो पैमाइश में देरी क्यों?
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क्या लेखपाल की संपत्तियों की जांच होगी?
सूत्रों के मुताबिक, लेखपाल सनोस कुमार ने भ्रष्टाचार के ज़रिए अकूत संपत्ति अर्जित की है। लेकिन क्या प्रशासन ईमानदारी से इसकी जांच करेगा?
सोशल मीडिया पर गुहार, फिर भी प्रशासन खामोश
धीरज कुमार ने 9 जून और 22 जुलाई को ‘X’ (पूर्व Twitter) पर गुहार लगाई। कन्नौज पुलिस ने जवाब तो दिया, लेकिन कार्रवाई शून्य रही। उल्टा पीड़ित से “सीओ पर रिश्वत का आरोप क्यों लगाया?” पूछते हुए फोन आने लगे।
❗ मुख्यमंत्री जी, क्या यही है जीरो टॉलरेंस?
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क्या दलित की जमीन को बचाने में प्रशासन इतना बेबस है?
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क्या शिकायत करने पर भी FIR दर्ज करना अब असंभव है?
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क्या रिश्वत मांगने वाले लेखपाल पर कोई कार्रवाई नहीं होगी?
🧭 अब बस एक ही उम्मीद बची है – CM योगी का एक्शन…
रिपोर्ट: नैमिष प्रताप सिंह
(UPPCL मीडिया न्यूज / स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए समर्पित)