🟥 डिजिटल आवाज प्लस स्पेशल रिपोर्ट 🟥
📍 नोएडा | निठारी कांड | सुप्रीम कोर्ट फैसला
नोएडा के बहुचर्चित 2006 निठारी सीरियल किलिंग कांड में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दाखिल CBI, उत्तर प्रदेश सरकार और पीड़ित परिवारों की अपीलों को खारिज कर दिया है।
🔴 मुख्य बिंदु:
-
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 16 अक्टूबर 2023 के फैसले को बरकरार रखा।
-
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा – “हाई कोर्ट के फैसले में कोई कानूनी त्रुटि नहीं।”
-
कोर्ट ने 14 अपीलों को खारिज किया, जिनमें से 12 CBI और 2 पीड़ित परिवारों द्वारा दाखिल की गई थीं।
🔍 क्या था निठारी कांड?
-
2006 में नोएडा के निठारी गांव से एक के बाद एक दर्जनों बच्चे और महिलाएं लापता हुए थे।
-
बाद में मोनिंदर सिंह पंढेर के घर के पास मानव अवशेष मिले थे।
-
आरोप था कि कोली और पंढेर ने बलात्कार, हत्या और अंग विच्छेदन जैसे जघन्य अपराध किए।
-
सीबीआई जांच के बाद ट्रायल कोर्ट ने 2010 में दोनों को मौत की सजा सुनाई थी।
⚖️ हाई कोर्ट ने क्यों किया था बरी?
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि सबूतों की कड़ी कमजोर हैं और जांच में भारी खामियां रही हैं।
कोर्ट ने पंढेर को 2 मामलों में और कोली को 12 मामलों में बरी कर दिया था।
😢 पीड़ित परिवारों का आक्रोश
न्याय की उम्मीद में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पीड़ित परिजन अब पूरी तरह टूट चुके हैं।
ज्योति नाम की बच्ची के माता-पिता, जिनका कंकाल निठारी से मिला था, फूट-फूट कर बोले:
“हमारी बेटी को न्याय नहीं मिला। ये आरोपी हैं, इन्हें फांसी होनी चाहिए थी। कानून ने हमें फिर से मार दिया।”
📝 कानूनी विश्लेषण
-
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वह हाई कोर्ट के निष्कर्षों में हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं देखता।
-
इसका मतलब ये है कि अब पंढेर और कोली को कानूनी रूप से दोषमुक्त मान लिया गया है।
🔚 अब आगे क्या?
✔️ सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अंतिम है, अब कोई अपील शेष नहीं।
❌ पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की उम्मीद खत्म।
📌 यह केस एक बार फिर जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
🗞️ डिजिटल आवाज प्लस आपके लिए लाता है ऐसी खबरें, जो समाज को झकझोर देती हैं।
जुड़े रहिए, जागरूक रहिए।
✍️ रिपोर्ट – आवाज प्लस टीम, नोएडा
📌 31 जुलाई 2025