
पुलिस महकमे की ओर से विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में अहम टेंडर प्रक्रिया लगातार तकनीकी कारणों से लटक रही है। आलम यह है कि किसी एक चीज के लिए दो से तीन बार टेंडर की तारीख निकाली जा रही है। इसकी वजह से योजनाएं वक्त पर पूरी नहीं हो पा रहीं।
पुलिस को मिलने वाले बुलेट प्रूफ एंबुलेंस वाहन, लीज पर ली जाने वाली हेलीकाप्टर सेवा, आतंकियों का सामना करने वाली मिर्च गेंद की खरीद की टेंडर प्रक्रिया पिछले छह महीने से चल रही है, लेकिन इन छह महीनों में इनके टेंडर दो से तीन बार कैंसिल हो चुके हैं।
अब हथियारों को चोरी होने से बचाने के लिए वेपन सेफ्टी सिस्टम की प्रक्रिया आगे बढ़ गई है। इस सिस्टम के तहत हथियारों में जीपीएस लगना था ताकि कभी इसे कोई चोरी कर ले तो पता चल जाए कि यह हथियार कहां हैं। यदि इसमें लगी चिप को कोई हटाने की कोशिश करेगा तो हथियार चलेगा ही नहीं। कुछ महीने पहले पुलिस ने इस सिस्टम को लाने की घोषणा की थी।
इसके लिए निजी कंपनियों को निमंत्रित किया था लेकिन इसका टेंडर नहीं हो सका। अब फिर से पुलिस मुख्यालय की ओर से टेंडर निकाला गया है। कहा गया है कि तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से टेंडर की तारीख आगे बढ़ाई जा रही है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से राज्य में लगातार माहौल तनावपूर्ण चल रहा है। जिसका असर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी पड़ा है।
तकनीकी कारणों से टेंडर टला था
हथियारों के सेफ्टी सिस्टम के लिए दोबारा टेंडर निकाला गया है। कुछ तकनीकी और प्रशासनिक खामियों की वजह से टेंडर टाला गया था। -मुबसिर लतीफी, एआईजी, पुलिस मुख्यालय