नेपाल में उबाल: 19 की मौत, गृहमंत्री का इस्तीफा भी आंदोलनकारियों को मंजूर नहीं – कहा, जिम्मेदार पीएम ओली हैं

नेपाल इन दिनों भारी राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। सोशल मीडिया पर पाबंदी, भ्रष्टाचार के आरोप और सरकार की नीतियों से नाराज़ युवाओं ने देशभर में बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है। सोमवार को राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में हजारों की संख्या में युवा सड़क पर उतरे और संसद भवन तक घुसने की कोशिश की।

🔥 क्या हुआ नेपाल में?

  • सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों में हिंसक झड़प
  • पुलिस की फायरिंग में कम से कम 19 आंदोलनकारी मारे गए, दर्जनों घायल।
  • हालात बेकाबू होते देख सरकार रक्षात्मक मुद्रा में दिखी।

🏛️ राजनीतिक घटनाक्रम

  • बढ़ते दबाव के बीच नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने इस्तीफा दे दिया।
  • लेकिन आंदोलनकारियों का गुस्सा अब भी बरकरार।
  • युवाओं का कहना है – जिम्मेदारी केवल गृहमंत्री की नहीं बल्कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की भी है।
  • इसलिए पीएम को इस्तीफा देना होगा, तभी आंदोलन रुकेगा।

📢 पीएम ओली की सफाई

  • ओली का बयान – आंदोलन में घुसपैठियों और अराजक तत्वों ने माहौल बिगाड़ा।
  • उन्होंने कहा – सरकार युवा पीढ़ी की मांगों को समझती है और संवैधानिक संस्थाओं की रक्षा के लिए मजबूरी में सख्ती करनी पड़ी।
  • ओली ने माना – दुर्भाग्यवश कई लोगों की जान गई, लेकिन आंदोलन शुरू में शांतिपूर्ण था।
  • सोशल मीडिया बैन को लेकर –
  • पीएम का कहना, “हमारी नीति सोशल मीडिया ब्लॉक करने की नहीं है।”
  • लेकिन यह भी जोड़ा कि जिन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया, उन पर कार्रवाई की गई।
  • उन्होंने हालात पर कैबिनेट मीटिंग भी की, लेकिन तुरंत सोशल मीडिया से बैन हटाने से इनकार कर दिया।

⚖️ आगे क्या?

  • नेपाल सरकार ने राजधानी और अन्य इलाकों में हुई हिंसा की जांच कराने का ऐलान किया है।
  • लेकिन आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक पीएम ओली खुद पद से इस्तीफा नहीं देंगे, वे पीछे नहीं हटेंगे।
  • हालात फिलहाल तनावपूर्ण हैं और नेपाल एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता की गिरफ्त में दिखाई दे रहा है।