समीर वानखेड़े को हाईकोर्ट से झटका: शाहरुख-आर्यन पर मानहानि केस खारिज

पूर्व एनसीबी जोनल डायरेक्टर और आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वानखेड़े ने हाल ही में शाहरुख खान, गौरी खान और रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के खिलाफ 2 करोड़ रुपये की मानहानि का केस ठोका था। उनका आरोप था कि शाहरुख के बेटे आर्यन खान द्वारा बनाई गई नेटफ्लिक्स सीरीज “The Bads of Bollywood” ने उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर छवि को नुकसान पहुंचाया है।

लेकिन शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें याचिका में संशोधन कर इसे दोबारा दाखिल करने की इजाजत दे दी है।

क्यों हुआ विवाद?

साल 2021 में समीर वानखेड़े उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने क्रूज ड्रग्स केस में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। आर्यन को 27 दिन जेल में रहना पड़ा था, हालांकि बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी।

इसी घटनाक्रम पर आधारित “The Bads of Bollywood” नाम की सीरीज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई। इसमें एक किरदार को वानखेड़े से मिलता-जुलता दिखाया गया और कथित तौर पर ड्रग्स मामले से जोड़कर व्यंग्य किया गया।

एक सीन में उस किरदार को ‘सत्यमेव जयते’ कहते हुए अश्लील इशारे करते दिखाया गया है। वानखेड़े का कहना है कि यह न केवल उनकी छवि को धूमिल करता है, बल्कि राष्ट्रीय प्रतीक और भावनाओं का अपमान भी करता है।

कोर्ट में किसने क्या कहा?

  • वानखेड़े की ओर से – सीनियर एडवोकेट संदीप सेठी पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि सीरीज में जानबूझकर उन्हें और एनसीबी को बदनाम करने की कोशिश की गई है।
  • रेड चिलीज़ की ओर से – सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने केस का बचाव किया।
  • नेटफ्लिक्स की ओर से – सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए।

कोर्ट ने वानखेड़े की दलीलों को इस रूप में सुनवाई योग्य नहीं माना और कहा कि उन्हें याचिका में संशोधन कर दोबारा दाखिल करना होगा।

वानखेड़े की मांग क्या थी?

  1. सीरीज “The Bads of Bollywood” पर स्थायी और अनिवार्य प्रतिबंध लगाया जाए।
  2. रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया जाए।
  3. यह मुआवजा राशि वे टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को दान करना चाहते हैं।
  4. IT एक्ट और BNS के प्रावधानों के उल्लंघन पर कार्रवाई हो।

बड़ा सवाल

इस पूरे विवाद ने एक बार फिर आर्यन खान ड्रग्स केस की याद ताजा कर दी है। सवाल यह है कि क्या यह मामला वाकई व्यक्तिगत छवि का है, या फिर मनोरंजन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन को लेकर कानूनी बहस छेड़ेगा।

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